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हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को बड़ी राहत; गैंगस्टर की सजा का आदेश रद, सांसदी जाने का खतरा टला - Afzal Ansari Gangster Case

हाईकोर्ट के सजा रद करने से अब अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा दूर हो गया है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने अफजाल अंसारी की अपील को मंजूर करते हुए उनकी सजा रद की है. बता दें कि इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 4 जुलाई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.

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सपा सांसद अफजाल अंसारी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 10:24 PM IST

हाईकोर्ट के फैसले पर अफजाल ने जताई खुशी (video credit ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी बड़ी राहत देते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनाई गई चार साल कैद की सजा को रद्द कर दी है. कोर्ट ने कहा कि, अंसारी के खिलाफ विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आधार पर मोहम्मदाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस‌ दर्ज किया गया था, जिसमें ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को पहले ही बरी कर दिया है. इसलिए फरहाना केस में सुप्रीम कोर्ट के विधि सिद्धांत के अनुसार मूल केस में बरी होने पर अभियुक्त उसी पर आधारित केस में भी बरी होने का हकदार है. कोर्ट ने कहा कि, अफजाल अंसारी पहले से जमानत पर हैं. इसलिए उन्हें सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं है.

कोर्ट ने राज्य सरकार और पीड़ित की तरफ से सजा बढ़ाने की अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की पुनरीक्षण अर्जी खारिज कर दी है. इस फैसले से अफजाल अंसारी की सांसदी पर मंडरा रहा खतरा टल गया और वह सांसद बने रहेंगे. न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने लंबी सुनवाई के बाद बीते चार जुलाई को निर्णय सुरक्षित कर लिया था और सोमवार को फैसला सुनाते हुए संदेह का लाभ देते हुए अफजाल अंसारी को बरी कर दिया है.

कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि, किसी भी व्यक्ति को केवल आरोप के आधार पर अपराध का दोषी नहीं ठहराया जा सकता,जब तक कि अभियोजन पक्ष कानून के तहत संदेह से परे साक्ष्यों से अपराध साबित न कर दे. कोर्ट ने कहा कि, अभियोजन और जांच एजेंसियों पर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सबूत इकट्ठा करने में अधिक सावधानी बरतने की जिम्मेदारी है.

अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, डीएस मिश्र और एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि, अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई सिर्फ तीन लोगों पर की गई. ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से यह स्पष्ट भी है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया. इसके अलावा जिस मूल मुकदमें के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उस मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है.

इससे पूर्व राज्य सरकार की अपील पर अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अपनी बहस में कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है. ट्रायल कोर्ट ने ऐसा करने के पीछे अफजाल अंसारी की आयु (70 वर्ष), उनके दो बार सांसद और कई बार विधायक चुने जाने के मद्देनजर किया है. जबकि कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था.

बता दें कि, गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को पिछले साल 29 अप्रैल को 4 साल की सजा सुनाई गई थी. 4 साल की सजा होने की वजह से अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी संसद की सदस्यता निरस्त हो गई थी.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने की वजह से अफजाल की सदस्यता बहाल हो गई थी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी फिर से गाजीपुर से सांसद निर्वाचित हुए हैं. इस बार अफजाल अंसारी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

अफजाल ने हाईकोर्ट के फैसले पर जताई खुशी

गाजीपुर: वहीं हाईकोर्ट के फैसले पर सांसद अफजाल अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मेरे माथे पर काला टीका लगाने का जो प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है. संसद की कार्यवाही में भाग लेने के सवाल पर अंसारी ने कहा कि, मुझे कल भी नहीं रोका गया था. लेकिन मैंने फैसला किया था कि, फैसला आने के बाद सत्र में भाग लूंगा और दिल्ली निकल रहा हूं. उन्होंने कहा कि, समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था.

ये भी पढ़ेंः कृष्णानंद राय हत्याकांड, एक साथ 7 लोगों का कत्ल, किस तरह अंसारी परिवार ने भुगता खामियाजा, पढ़िए डिटेल

हाईकोर्ट के फैसले पर अफजाल ने जताई खुशी (video credit ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी बड़ी राहत देते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनाई गई चार साल कैद की सजा को रद्द कर दी है. कोर्ट ने कहा कि, अंसारी के खिलाफ विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आधार पर मोहम्मदाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस‌ दर्ज किया गया था, जिसमें ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को पहले ही बरी कर दिया है. इसलिए फरहाना केस में सुप्रीम कोर्ट के विधि सिद्धांत के अनुसार मूल केस में बरी होने पर अभियुक्त उसी पर आधारित केस में भी बरी होने का हकदार है. कोर्ट ने कहा कि, अफजाल अंसारी पहले से जमानत पर हैं. इसलिए उन्हें सरेंडर करने की आवश्यकता नहीं है.

कोर्ट ने राज्य सरकार और पीड़ित की तरफ से सजा बढ़ाने की अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की पुनरीक्षण अर्जी खारिज कर दी है. इस फैसले से अफजाल अंसारी की सांसदी पर मंडरा रहा खतरा टल गया और वह सांसद बने रहेंगे. न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने लंबी सुनवाई के बाद बीते चार जुलाई को निर्णय सुरक्षित कर लिया था और सोमवार को फैसला सुनाते हुए संदेह का लाभ देते हुए अफजाल अंसारी को बरी कर दिया है.

कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि, किसी भी व्यक्ति को केवल आरोप के आधार पर अपराध का दोषी नहीं ठहराया जा सकता,जब तक कि अभियोजन पक्ष कानून के तहत संदेह से परे साक्ष्यों से अपराध साबित न कर दे. कोर्ट ने कहा कि, अभियोजन और जांच एजेंसियों पर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सबूत इकट्ठा करने में अधिक सावधानी बरतने की जिम्मेदारी है.

अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, डीएस मिश्र और एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि, अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई सिर्फ तीन लोगों पर की गई. ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से यह स्पष्ट भी है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया. इसके अलावा जिस मूल मुकदमें के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उस मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है.

इससे पूर्व राज्य सरकार की अपील पर अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अपनी बहस में कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है. ट्रायल कोर्ट ने ऐसा करने के पीछे अफजाल अंसारी की आयु (70 वर्ष), उनके दो बार सांसद और कई बार विधायक चुने जाने के मद्देनजर किया है. जबकि कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था.

बता दें कि, गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को पिछले साल 29 अप्रैल को 4 साल की सजा सुनाई गई थी. 4 साल की सजा होने की वजह से अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी संसद की सदस्यता निरस्त हो गई थी.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने की वजह से अफजाल की सदस्यता बहाल हो गई थी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी फिर से गाजीपुर से सांसद निर्वाचित हुए हैं. इस बार अफजाल अंसारी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

अफजाल ने हाईकोर्ट के फैसले पर जताई खुशी

गाजीपुर: वहीं हाईकोर्ट के फैसले पर सांसद अफजाल अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मेरे माथे पर काला टीका लगाने का जो प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है. संसद की कार्यवाही में भाग लेने के सवाल पर अंसारी ने कहा कि, मुझे कल भी नहीं रोका गया था. लेकिन मैंने फैसला किया था कि, फैसला आने के बाद सत्र में भाग लूंगा और दिल्ली निकल रहा हूं. उन्होंने कहा कि, समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था.

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Last Updated : Jul 29, 2024, 10:24 PM IST
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