नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कल यानी गुरुवार को ट्रेन हादसा हो गया था. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इसमें 3 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि 32 लोग घायल हो गए. मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. इस ट्रेन हादसे पर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने चिंता जताई है. वहीं, फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव गोपाल राय ने हादसे के पीछे साजिश बताया है. उन्होंने हादसे के पीछे कई आशंकाएं जाहिर की.
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि गोंडा ट्रेन हादसे की जांच होगी तो पूरा सच सामने आएगा. एक बार मैं खुद लखनऊ मेल में सफर कर रहा था और हकीमपुर में दुर्घटना हो गई थी. कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की जांच में यह सामने आ रहा था कि मार्मिक भूल की वजह से हादसा हुआ. लेकिन कुछ चोर पकड़ लिए गए थे. उनसे पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि ट्रेन की पटरी को काटकर चुरा लिया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ था.
शरारती तत्वों का इसमें हाथ: शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि कई बार कर्मचारियों के सर पर ठीकरा फोड़ दिया जाता है. उन्होंने कहा कि ट्रेन चालक से हमारी बात हुई है. चालक ने कहा है कि जब हादसे के स्थल से आगे गाड़ी बढ़ी है तो तेज धमाके की गूंज सुनाई पड़ी. इससे लगता है कि कोई न कोई शरारती तत्वों का इसमें हाथ हो सकता है. कमिश्नर रेलवे सेफ्टी और पुलिस इनक्वायरी हो रही है. उनकी जांच में सारी बातें स्पष्ट होंगी.
वहीं, विपक्ष लगातार हो रहे हादसों पर रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग करता है. इस पर गोपाल मिश्रा ने कहा कि वह इसके पक्ष में नहीं हैं. रेल मंत्री का पद कोई रेलवे का वैधानिक पद नहीं है. यह राजनीतिक पद है. रेल मंत्री ट्रेन नहीं चलाते हैं. एक दूसरे के सहयोग से व्यवस्थाओं को बेहतर करने का काम करते हैं.
नई तकनीक के कोच से बच गई अन्य यात्रियों की जानः शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि पहले ऐसे कोच लगते थे जो आपस में टकराने पर सिकुड़ जाते थे. इससे उसमें सवार यात्रियों के घायल होने और मरने वालों की संख्या ज्यादा रहती थी. अब रेलवे में ऐसे कोच लगाए जा रहे हैं, जो सिकुड़ते नहीं हैं. इससे लोगों की जान बच जाती है. अब ट्रेनों में इसी तरह के कोच लगाए जा रहे हैं, जिससे ट्रेन हादसे हों तो लोगों की जन बच सके.