नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के छह आरोपियों के खिलाफ अब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. इससे संबंधित प्रस्ताव को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. यह हमला उस वक्त किया गया था, जब सदन की कार्यवाही चल रही थी. इन छह आरोपियों में मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम रानोलिया, ललित झा और महेश कुमावत शामिल हैं. इन सभी पर अनधिकृत रूप से संसद में प्रवेश करने और लाइव सेशन के दौरान लोकसभा में स्मॉग कैन (धुआं फेंकने) का आरोप है.
दिल्ली पुलिस की ओर से एलजी वीके सक्सेना से यह आग्रह किया गया था कि इस मामले में यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मुकदमा चलाया जाए. मामले में रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री पाए जाने के बाद, एलजी की तरफ अभियोजन की मंजूरी दे दी है. दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत आवश्यक अभियोजन मंजूरी के लिए आग्रह किया था.
रिव्यू कमेटी (डीओपी, तीस हजारी, दिल्ली) ने 30 मई, 2024 को जांच एजेंसी की ओर से एकत्र किए गए सभी सबूतों की जांच पड़ताल की, जिसमें संसद हमले के आरोपियों की संलिप्तता पाई गई. रिव्यू कमेटी ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला बनता है. दिल्ली पुलिस ने लोकसभा में सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में 14 दिसंबर, 2023 को आईपीसी की धाराओं 186/353/452/153/34/120बी और 13/16/18 यूए (पी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. मामले की जांच बाद में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन से स्पेशल सेल थाना, नई दिल्ली की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट को ट्रांसफर कर दी गई थी. जांच कार्रवाई के दौरान छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था, जो मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में हैं.
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क्या है यूएपीए: गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 2019, सरकार को समान आधार पर व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करने का अधिकार देता है. इसे "आतंकवाद विरोधी कानून" के रूप में भी जाना जाता है.
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