लखनऊ: गुजरात के राजकोट जिले में TRP गेमिंग जोन में आग लगने के कारण हुई 28 मौतों के बाद लखनऊ में भी प्रशासन सतर्क हो गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने राजधानी में अवैध रूप से संचालित गोमतीनगर के ट्रैम्पोलीन पार्क और गेमिंग जोन के खिलाफ सोमवार को अभियान चलाया. इस दौरान गोमती नगर में पांच और ट्रांसपोर्ट नगर में एक पार्क को बंद करवाया गया. साथ ही 15 दिन के अंदर सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम दिया है. जिसमें यह भी पूछा गया कि, ये गेमिंग जोन किसकी अनुमति से संचालित किये जा रहे थे. इनका मानचित्र स्वीकृत है या नहीं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शहर में अवैध रूप से संचालित ट्रैम्पोलीन पार्क और गेमिंग जोन के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सोमवार को शहर के कई इलाकों में अवैध रूप से संचालित हो रहे ट्रैम्पोलीन पार्क और गेमिंग जोन का निरीक्षण किया. प्रथम दृष्टया जांच में कुछ जगहों पर खामियां नजर आयीं, जिसे लेकर एलडीए के अधिकारियों ने संचालकों से सवाल पूछे तो वह मौके पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. जिस पर एलडीए की टीम ने जांच पूरी होने तक इन गेमिंग जोन को बंद करवा दिया है. साथ ही गेमिंग जोन के मालिकों और प्रबंधकों से 15 दिन के अंदर जबाव पेश करने के निर्देश दिये गये हैं.
प्रवर्तन जोन-1 की जोनल अधिकारी वन्दना पाण्डेय ने बताया कि, गोमती नगर के विकल्प खण्ड में दीपक सिंह और जितेन्द्र छाबड़ा की ओर से संचालित स्काई जम्पर ट्रैम्पोलीन पार्क, विजय खण्ड में कशिश गेमिंग जोन, विवेक खण्ड में वेदांश चैधरी के गेमिंग जोन, विकल्प खण्ड में नीलू गुप्ता की ओर से संचालित प्लेरूम फन जोन और विशेष खण्ड में आदित्य कुमार के मिस्ट्रीरूम एंटरटेन्मेंट जोन को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया गया है.
वहीं प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि, कानपुर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर में करीब 900 वर्गमीटर क्षेत्रफल में संचालित द कंगारू ट्रैम्पोलीन पार्क एण्ड एडवेन्चर जोन को जांच के बाद बंद करवा दिया गया है. इसके मालिक अनंत मिखेजानी से एडवेन्चर पार्क की निर्माण परमीशन और अनुमति सम्बंधी दस्तावेज दिखाने को कहा गया है.
उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि LDA की यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. जिन जगहों पर मानक पूरे नहीं मिलेंगे और निर्माण कार्य स्वीकृत मानचित्र के विपरीत पाया जाएगा, उन प्रतिष्ठानों के खिलाफ नियमानुसार कार्रावाई की जाएगी.