देहरादून: अल्मोड़ा लोकसभा से जीतकर संसद पहुंचे अजय टम्टा को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. अजय टम्टा को मोदी कैबिनेट में सड़क परिवहन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली है. इससे पहले साल 2014 की मोदी सरकार में अजय टम्टा को कपड़ा राज्यमंत्री बनाया गया था. अजय टम्टा का साफ और बेदाग छवि उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती है. यही वजह है कि केंद्र की मोदी सरकार में अजय टम्टा को एक बार फिर से जगह मिली है.
अजय टम्टा के साथ ही दिल्ली से सांसद चुने गये हर्ष मल्होत्रा को भी सड़क परिवहन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. ये दोनों ही मंत्री नितिन गडकरी को रिपोर्ट करेंगे. मोदी कैबिनेट 3.0 में नितिन गडकरी को फिर से सड़क परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. नितिन गडकरी ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में अभूतपूर्व काम किया है. जिसके कारण उन्हें फिर से ये जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ उत्तराखंड से आने वाले अजट टम्टा को भी राज्यमंत्री के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.
छात्र जीवन में ABVP से जुड़े: अजय टम्टा छात्र जीवन में एबीवीपी से जुड़े. जिसके बाद से ही वे लगातार पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं. अजय टम्टा को साल 1996 में बड़ी कामयाबी मिली. इस साल वे पहली बार ज़िला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुये. इसके बाद 1997 में अजय टम्टा अल्मोड़ा के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने. तब अजय टम्टा देश में सबसे कम उम्र के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने थे.
2007 में पहले बार लड़े विधायिकी: 2007 में अजय टम्टा ने पहली बार सोमेश्वर विधानसभा का चुनाव लड़ा. वे पहले बार में ही जीतकर विधानसभा पहुंचे. जिसके बाद अजय टम्टा को खंडूड़ी सरकार में राज्यमंत्री बने. 2008 में ही अजय टम्टा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. 2010 में बीजेपी ने अजय टम्टा को पार्टी के अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2011 में अजय टम्टा को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया.
2009 लोकसभा चुनाव हारे: साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अजय टम्टा को बड़ी जिम्मेदारी दी. उन्हें लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारा गया. इस चुनाव में अजय टम्टा को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने हराया. इसके बाद टम्टा ने 2012 में सोमेश्वर से फिर से विधानसभा चुनाव लड़ा. जिसके बाद वे फिर से विधायक बने.
2014 लोकसभा चुनाव में लिया हार का बदला: इसके दो साल बाद ही 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से अजय टम्टा को चुनावी मैदान में उतारा. जिसमें अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को बड़े वोटों से हराया. इसके बाद से अजय टम्टा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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