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AIIMS के डॉक्टर्स को सलाम! जापान से खून मंगाकर नामुमकिन को मुमकिन बनाया, गर्भ में पल रहे बच्चे को दी जिंदगी - AIIMS Saved Unborn Baby - AIIMS SAVED UNBORN BABY

AIIMS NEW ACHIEVEMENT: दिल्ली के एम्स अस्पताल ने जापान से खून मंगवाकर गर्भ में पल रही बच्ची को नया जीवनदान दिया है. ये बच्ची खून की कमी की वजह से गर्भ में दम तोड़ने की कगार पर थी. इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए एम्स के डॉक्टरों ने काफी मेहनत की, जिसकी हर जगह सराहना हो रही है.

दिल्ली के एम्स अस्पताल के नाम एक और बड़ी अचीवमेंट
दिल्ली के एम्स अस्पताल के नाम एक और बड़ी अचीवमेंट (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 13, 2024, 11:16 AM IST

Updated : Jun 13, 2024, 11:59 AM IST

जापान से खून मंगाकर नामुमकिन को मुमकिन बनाया (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली AIIMS (ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट आफ साइंस) के डॉक्टर्स ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. उनके पास एक ऐसा केस आया, जिसमें मां और गर्भ में पल रहे उसके बच्चे की जान एक रेयर ब्लड की वजह से मुश्किल में थी. ये बच्ची खून की कमी की वजह से गर्भ में दम तोड़ने की कगार पर थी. डॉक्टर्स ने जापान से खून मंगाया, इसके बाद डिलीवरी का फैसला लिया. डॉक्टर्स को कामयाबी हासिल हुई है. मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं.

बता दें कि महिला अब तक 8 गर्भ में ही बच्चे खो चुकी है. इस नौवें बच्चे को डॉक्टर्स ने बचा लिया. महिला की शादी को 5 साल हुए हैं. डॉक्टर्स के इस प्रयास माता-पिता दोनों ही काफी खुश हैं.

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा के एक गरीब परिवार की महिला शादी के 5 साल के दौरान 8 बार अपने बच्चे को गर्भ में ही खो चुकी थी, जिसे 50 से ज्यादा डॉक्टर ने आगे किसी भी तरह के गर्भ धारण करने से साफ मना कर दिया था. इस बार भी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के बचने की उम्मीदें ना के बराबर थी. बच्चे की दिल की धड़कन खत्म होने की कगार पर थी, लेकिन जापान से ब्लड मंगाकर दो दिन के अंदर उस बच्चे को ना केवल जिंदा किया बल्कि गर्भ के अंदर उसे ब्लड पहुंचाकर उसको नई जिंदगी दी. ये कमाल किया है एम्स अस्पताल के डॉक्टर्स ने.

इस तरह मिली कामयाबी

  • डॉक्टर्स ने बताया कि लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल से इस केस को रेफर किया गया था.
  • हरियाणा की रहने वाली 24 साल की पूनम की 5 साल पहले शादी हुई थी.
  • आठ बार उसका गर्भ खराब हो चुका था. क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप ऐसा था जो लाखों में एक है.
  • जब बच्चा 7-8 महीने का होता तो उसके अंदर खून की कमी होने लगती और फिर बच्चे की मौत गर्भ के अंदर ही हो जाती थी.
  • इस बार भी बच्चे की हालत खराब होने लगी थी. मां का ब्लड ग्रुप नेगेटिव था और बच्चे का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव था.
  • बच्चों के अंदर खून की कमी लगातार हो रही थी. एम्स के डॉक्टरों ने पता लगाया तो एम्स में वह ब्लड उपलब्ध नहीं मिला.
  • यहां तक की पूरे भारत में जब सर्च किया गया तो सिर्फ एक ही शख्स के पास यह ब्लड उपलब्ध था जिसने देने से मना कर दिया.
  • इसके बाद फिर NGO की मदद से इंटरनेशनल लेवल पर ब्लड का इंतजाम करने की कोशिश की गई.
  • पता चला कि जापान में यह ब्लड उपलब्ध है. लेकिन कम समय के अंदर वहां से ब्लड मांगना बहुत मुश्किल था.
  • सभी ने मिलकर इसमें प्रयास किया और 48 घंटे के अंदर वहां से ब्लड को भारत मंगाया गया.
  • फिर गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे को बल्ड पहुंचाया गया. उसकी खराब हो रही स्थिति को ठीक करते हुए ऑपरेशन करके बच्चे की डिलीवरी हुई.

डॉक्टर ने इस एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बताया कि आज बच्चा और उसकी मां दोनों स्वस्थ है. यह एम्स के डॉक्टर्स की टीम और गरीब लोगों की मदद करने वाली संस्था ने यह अनूठा कारनामा करके दिखाया है.

ये भी पढ़ें- एम्स में फैला कंस्ट्रक्शन का कचरा, मरीजों और वातावरण के लिए खतरा

ये भी पढ़ें- Delhi AIIMS प्रशासन का दावा- कम जगह के बावजूद दवा लेने में मरीजों को नहीं होगी कोई परेशानी

जापान से खून मंगाकर नामुमकिन को मुमकिन बनाया (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली AIIMS (ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट आफ साइंस) के डॉक्टर्स ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. उनके पास एक ऐसा केस आया, जिसमें मां और गर्भ में पल रहे उसके बच्चे की जान एक रेयर ब्लड की वजह से मुश्किल में थी. ये बच्ची खून की कमी की वजह से गर्भ में दम तोड़ने की कगार पर थी. डॉक्टर्स ने जापान से खून मंगाया, इसके बाद डिलीवरी का फैसला लिया. डॉक्टर्स को कामयाबी हासिल हुई है. मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं.

बता दें कि महिला अब तक 8 गर्भ में ही बच्चे खो चुकी है. इस नौवें बच्चे को डॉक्टर्स ने बचा लिया. महिला की शादी को 5 साल हुए हैं. डॉक्टर्स के इस प्रयास माता-पिता दोनों ही काफी खुश हैं.

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा के एक गरीब परिवार की महिला शादी के 5 साल के दौरान 8 बार अपने बच्चे को गर्भ में ही खो चुकी थी, जिसे 50 से ज्यादा डॉक्टर ने आगे किसी भी तरह के गर्भ धारण करने से साफ मना कर दिया था. इस बार भी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के बचने की उम्मीदें ना के बराबर थी. बच्चे की दिल की धड़कन खत्म होने की कगार पर थी, लेकिन जापान से ब्लड मंगाकर दो दिन के अंदर उस बच्चे को ना केवल जिंदा किया बल्कि गर्भ के अंदर उसे ब्लड पहुंचाकर उसको नई जिंदगी दी. ये कमाल किया है एम्स अस्पताल के डॉक्टर्स ने.

इस तरह मिली कामयाबी

  • डॉक्टर्स ने बताया कि लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल से इस केस को रेफर किया गया था.
  • हरियाणा की रहने वाली 24 साल की पूनम की 5 साल पहले शादी हुई थी.
  • आठ बार उसका गर्भ खराब हो चुका था. क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप ऐसा था जो लाखों में एक है.
  • जब बच्चा 7-8 महीने का होता तो उसके अंदर खून की कमी होने लगती और फिर बच्चे की मौत गर्भ के अंदर ही हो जाती थी.
  • इस बार भी बच्चे की हालत खराब होने लगी थी. मां का ब्लड ग्रुप नेगेटिव था और बच्चे का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव था.
  • बच्चों के अंदर खून की कमी लगातार हो रही थी. एम्स के डॉक्टरों ने पता लगाया तो एम्स में वह ब्लड उपलब्ध नहीं मिला.
  • यहां तक की पूरे भारत में जब सर्च किया गया तो सिर्फ एक ही शख्स के पास यह ब्लड उपलब्ध था जिसने देने से मना कर दिया.
  • इसके बाद फिर NGO की मदद से इंटरनेशनल लेवल पर ब्लड का इंतजाम करने की कोशिश की गई.
  • पता चला कि जापान में यह ब्लड उपलब्ध है. लेकिन कम समय के अंदर वहां से ब्लड मांगना बहुत मुश्किल था.
  • सभी ने मिलकर इसमें प्रयास किया और 48 घंटे के अंदर वहां से ब्लड को भारत मंगाया गया.
  • फिर गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे को बल्ड पहुंचाया गया. उसकी खराब हो रही स्थिति को ठीक करते हुए ऑपरेशन करके बच्चे की डिलीवरी हुई.

डॉक्टर ने इस एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बताया कि आज बच्चा और उसकी मां दोनों स्वस्थ है. यह एम्स के डॉक्टर्स की टीम और गरीब लोगों की मदद करने वाली संस्था ने यह अनूठा कारनामा करके दिखाया है.

ये भी पढ़ें- एम्स में फैला कंस्ट्रक्शन का कचरा, मरीजों और वातावरण के लिए खतरा

ये भी पढ़ें- Delhi AIIMS प्रशासन का दावा- कम जगह के बावजूद दवा लेने में मरीजों को नहीं होगी कोई परेशानी

Last Updated : Jun 13, 2024, 11:59 AM IST
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