अहमदाबाद: गुजरात में स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. वैसे दावा किया जा रहा है कि, गुजरात में देश में सबसे ज्यादा स्टाइपेंड है, लेकिन खुद जूनियर डॉक्टरों ने इससे इनकार किया है. उन्होंने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर एक बार फिर हड़ताल का हथियार उठा लिया है. यहां बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर गुजरात सरकार द्वारा हाल ही में घोषित अपने वजीफे यानी की स्टाइपेंड में 20 प्रतिशत के बजाय 40 प्रतिशत की वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार को हड़ताल पर चले गए.
मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद के प्रतिनिधियों ने कहा, उन्होंने पिछले छह महीनों से लगातार स्टाइपेंड वृद्धि के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के समक्ष कानूनी प्रतिनिधित्व किया है. इन अभ्यावेदन के अनुसार, जूनियर डॉक्टरों के स्टाइपेंड में हर तीन साल में 40 फीसदी की वृद्धि की जाती है. राज्य सरकार ने यह वजीफा बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2024 को लागू की थी.
9 जुलाई, 2024 को स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में हमें स्टाइपेंड में 40 फीसदी वृद्धि का आश्वासन दिया गया था. इसलिए सरकार पर भरोसा कर आंदोलन स्थगित कर दिया गया. हालांकि, इस साल, राज्य सरकार ने केवल 20 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, जिससे असंतोष फैल गया है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य में मानसून की स्थिति के कारण महामारी का भी डर सता रहा है और सिविल अस्पतालों में वायरल संक्रमण सहित सामान्य बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एक बार फिर अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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