देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में हिमालय की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में एक है. यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है. इसके अलावा केदारनाथ उत्तराखंड के चारधाम और पंच केदार में से भी एक है. जिसके दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से यात्री पहुंचते हैं. केदारनाथ का दर्शन करना हर किसी का सपना होता है. ऐसे ही एक सपना लिए यूपी के महराजगंज का युवक बिना पैसे के पैदल ही केदारनाथ धाम के लिए चल पड़ा. जिसे रास्ते में तमाम परेशानियां हुई, लेकिन केदारनाथ दर्शन की चाह ने राह आसान कर दिया. आखिरकार युवक बाबा के दर पहुंच गया.
घर से बिना पैसे के ही पैदल यात्रा पर निकले अहमद रजा: कहते हैं ना 'जहां चाह तो वहां राह' ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के निचलौल ब्लॉक के कैमा गांव के अहमद रजा पुत्र तनवीर आलम ने. जो बिना पैसे के ही पैदल और लिफ्ट मांगकर केदारनाथ धाम के लिए निकल गया. ईटीवी भारत से बातचीत में अहमद रजा ने बताया कि उन्होंने केदारनाथ यात्रा की पैदल यात्रा 2 जुलाई को गोरखपुर से शुरू की. रजा ने बिना पैसे करने की ठानी और पैदल ही अपनी मंजिल के लिए निकल पड़े.
पैदल चलने से पैरों में पड़ गए थे छाले: अहमद रजा बताते हैं कि किसी से उधार लेकर अपने पास सिर्फ एक हजार रुपए रखे थे. वो पहली बार बिना पैसे के ही किसी यात्रा पर निकले थे. पैदल यात्रा के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. कभी धूप तो कभी बारिश. उन्हें कभी किसी से लिफ्ट भी मिल जाती थी. वो रोजाना 40-60 किलोमीटर की दूरी तय करते थे. पैदल चलने की वजह से रजा के पैर में छाले भी पड़ गए थे. उस वक्त उन्हें लगता था कि यात्रा बेहद मुश्किल है, लेकिन अपने अंदर हौसला बनाए रखा और आगे बढ़ता गए.
कुदरत के नजारे देख अभिभूत हो गए अहमद रजा: अहमद रजा करीब 1400 किलोमीटर की यात्रा कर आखिरकार 21 जुलाई को केदारनाथ धाम पहुंचे. केदारनाथ धाम, हिमालय, कुदरत के नजारे देख रजा अभिभूत हो गए. अहमद रजा ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था उत्तराखंड इतना खूबसूरत होगा. सचमुच में रील (Reel) और रियल लाइफ (Real Life) में बहुत अंतर होता है. उन्होंने रियल लाइफ में उत्तराखंड और केदारनाथ को देखा. ऐसी खूबसूरती उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी. रास्ते में कई तरह की प्रॉब्लम आए, लेकिन केदारनाथ पहुंचकर सब कुछ भूल गया.
बिना पैसे के भी घूम सकते हैं भारत: ईटीवी भारत से बातचीत में अहमद रजा ने इस यात्रा का मकसद भी बताया. उन्होंने कहा कि कई लोग पैसे के घर से बाहर नहीं निकलते हैं या फिर यात्राएं नहीं करते हैं, लेकिन बिना पैसे के भी भारत घूम सकते हैं. हमारा देश बेहद खूबसूरत है. जिनके पास पैसे नहीं हैं, वो भी देश के कोने-कोने में घूम सकते हैं. इसे उन्होंने खुद साबित किया है. वो बिना पैसे के ही केदारनाथ धाम पहुंचे और वापस भी आए. अब वो बिना पैसे ही राजस्थान की यात्रा करने वाले हैं.
इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं: अहमद रजा का कहना है कि सभी धर्मों के प्रति रखना सम्मान चाहिए. इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है. सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए. मजहब में दरार लाने का काम नहीं होना चाहिए. हालांकि, कुछ लोगों ने हिंदू-मुस्लिम की बात कहकर उनका मनोबल भी गिराया, लेकिन लेकिन धर्म से बड़ा इंसानियत को मानकर आगे बढ़ते ही गए.
रजा ने बताया कि केदारनाथ धाम पहुंचने के बाद वो हरिद्वार के हरकी पैड़ी भी गए. रास्ते में कई लोगों ने उनकी मदद भी की. वो सरस्वती देवी पीजी कॉलेज निचलौल ग्रेजुएशन कर रहे हैं. उनके अब्बू तनवीर आलम मदरसे में शिक्षक हैं. जबकि, उनकी अम्मी गृहणी है. केदारनाथ की यात्रा कर उनका हौसला काफी बढ़ गया है. अब वो आगे भी पैदल और बिना पैसे के यात्रा करेंगे.
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