नई दिल्ली: मॉस्को यात्रा के बाद पीएम मोदी अगले महीने यूक्रेन जा सकते हैं. यह यात्रा 2022 में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद पहली यात्रा होगी. इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के एक महीने बाद यह यात्रा हुई है. जिस दिन पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों के बाद तीसरी बार जीत हासिल की, उस दिन जेलेंस्की ने उन्हें बधाई दी थी और अपने देश आने का निमंत्रण दिया था.
इस साल मार्च में टेलीफोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-यूक्रेन साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की थी. रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा करते हुए पीएम ने भारत के जन-केंद्रित दृष्टिकोण को दोहराया और आगे बढ़ने के लिए बातचीत और कूटनीति का आह्वान किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत पक्षों के बीच सभी मुद्दों के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपने साधनों के भीतर सब कुछ करना जारी रखेगा.
उस बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत की निरंतर मानवीय सहायता की सराहना की. इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान अहिंसक दृष्टिकोण का आग्रह करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है. युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है. बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है.
विदेश मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. प्रधानमंत्री मोदी की कीव यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच कई उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के बीच हुई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर और यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके यूक्रेनी समकक्ष एंड्री यरमक के साथ हाल ही में टेलीफोन पर चर्चा की. जेलेंसकी ने प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बैठक का कड़ा विरोध किया.
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने ने कहा था कि आज यूक्रेन में रूस के क्रूर मिसाइल हमले के परिणामस्वरूप 37 लोग मारे गए, जिनमें से तीन बच्चे थे, और 170 लोग घायल हुए, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं. एक रूसी मिसाइल ने यूक्रेन के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल पर हमला किया, जिसमें युवा कैंसर रोगी शामिल थे. कई लोग मलबे के नीचे दब गए. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को ऐसे दिन मास्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते देखना एक बहुत बड़ी निराशा और शांति प्रयासों के लिए एक विनाशकारी झटका है.