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दिल्ली की Air Quality में सुधार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दी GRAP-4 के नियमों में ढील - DELHI POLLUTION UPDATE

-दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को GRAP-4 प्रतिबंधों में ढील देने की अनुमति दी

SC ने दी ग्रैप-4 के नियमों में ढील
SC ने दी ग्रैप-4 के नियमों में ढील (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 5, 2024, 6:30 PM IST

Updated : Dec 5, 2024, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 पाबंदियां हटाने की अनुमति दे दी है. प्रदूषण के गिरते स्तर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में सुधार की पृष्ठभूमि में प्रदूषण रोधी GRAP-IV उपायों को चरण-2 तक ढील करने की अनुमति दी है. यह मामला न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने सीएक्यूएम को चरण-2 प्रतिबंधों में GRAP-3 के कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने का सुझाव दिया है.

पीठ ने कहा कि 30 नवंबर तक एक्यूआई का स्तर लगातार 300 से ऊपर था, लेकिन पिछले चार दिनों में एक्यूआई का स्तर 300 से नीचे आ गया है. पीठ ने कहा कि यह सच है कि किसी स्तर पर उसे GRAP के तहत चरणों की प्रयोज्यता तय करने का काम सीएक्यूएम पर छोड़ना होगा. पीठ ने सीएक्यूएम को बताया कि यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के पार चला गया तो चरण 3 के प्रतिबंध लगाए जाएंगे. साथ ही यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार चला गया तो चरण-4 के प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने तर्क दिया कि नवीनतम वायु गुणवत्ता सूचकांक आंकड़ों के अनुसार, GRAP-4 उपायों में ढील दी जा सकती है, क्योंकि वायु गुणवत्ता सूचकांक में स्पष्ट रूप से गिरावट देखी जा रही है. भाटी ने जोर देकर कहा कि GRAP-4 उपाय "बहुत विघटनकारी" हैं. न्यायालय को सौंपे गए आंकड़ों का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि उसे नहीं लगता कि इस चरण में आयोग को चरण 2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित होगा.

प्रदूषण बढ़ने पर फिर लागू होगा GRAP-4: पीठ ने कहा, "इसलिए, हम आयोग को फिलहाल चरण 2 में जाने की अनुमति देते हैं. यह उचित होगा यदि आयोग चरण 3 का हिस्सा बनने वाले कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने पर विचार करे." हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि किसी दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 को पार कर जाता है, तो चरण 4 के उपायों को फिर से लागू करना होगा.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 पाबंदियां हटाने की अनुमति दे दी है. प्रदूषण के गिरते स्तर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में सुधार की पृष्ठभूमि में प्रदूषण रोधी GRAP-IV उपायों को चरण-2 तक ढील करने की अनुमति दी है. यह मामला न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आया. पीठ ने सीएक्यूएम को चरण-2 प्रतिबंधों में GRAP-3 के कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने का सुझाव दिया है.

पीठ ने कहा कि 30 नवंबर तक एक्यूआई का स्तर लगातार 300 से ऊपर था, लेकिन पिछले चार दिनों में एक्यूआई का स्तर 300 से नीचे आ गया है. पीठ ने कहा कि यह सच है कि किसी स्तर पर उसे GRAP के तहत चरणों की प्रयोज्यता तय करने का काम सीएक्यूएम पर छोड़ना होगा. पीठ ने सीएक्यूएम को बताया कि यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के पार चला गया तो चरण 3 के प्रतिबंध लगाए जाएंगे. साथ ही यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार चला गया तो चरण-4 के प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने तर्क दिया कि नवीनतम वायु गुणवत्ता सूचकांक आंकड़ों के अनुसार, GRAP-4 उपायों में ढील दी जा सकती है, क्योंकि वायु गुणवत्ता सूचकांक में स्पष्ट रूप से गिरावट देखी जा रही है. भाटी ने जोर देकर कहा कि GRAP-4 उपाय "बहुत विघटनकारी" हैं. न्यायालय को सौंपे गए आंकड़ों का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि उसे नहीं लगता कि इस चरण में आयोग को चरण 2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित होगा.

प्रदूषण बढ़ने पर फिर लागू होगा GRAP-4: पीठ ने कहा, "इसलिए, हम आयोग को फिलहाल चरण 2 में जाने की अनुमति देते हैं. यह उचित होगा यदि आयोग चरण 3 का हिस्सा बनने वाले कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने पर विचार करे." हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि किसी दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 को पार कर जाता है, तो चरण 4 के उपायों को फिर से लागू करना होगा.

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Last Updated : Dec 5, 2024, 6:57 PM IST
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