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गूगल और PhonePe के बाद की बिहार सरकार की वेबसाइट हैक, 20 साल के मयंक ने एथिकल हैकिंग से चौंकाया - HACKER MAYANK BHAGALPUR

भागलपुर के 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग से नासा, गूगल, फोन-पे और बिहार सरकार की वेबसाइट्स में खामियां ढूंढकर सुधार कराया और पहचान बनाई.

मयंक के एथिकल हैकिंग से पर्दाफाश
मयंक के एथिकल हैकिंग से पर्दाफाश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 6 hours ago

भागलपुर : कंप्यूटर के आविष्कार ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है. आजकल युद्ध तकनीकी के माध्यम से लड़े जा रहे हैं, न कि सिर्फ हथियारों से. इस तकनीकी दुनिया में एक से बढ़कर एक हैकर हैं, जिनमें से एक है जोनाथन जेम्स, जिसे 'कामरेड' के नाम से जाना जाता है. महज 15 साल की उम्र में उसने अमेरिकी सरकार को चुनौती दी थी. उसी तरह, बिहार में भी 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग से सबको हैरान कर दिया है.

मयंक के एथिकल हैकिंग से पर्दाफाश : भागलपुर के एक छोटे से कमरे में 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग के जरिए नासा, गूगल, फोन पे जैसी कंपनियों और बिहार सरकार के डिजिटल विभाग को चौंका दिया है. उसने बिहार सरकार की वेबसाइट को हैक किया और कई संस्थाओं की वेबसाइट में छिपी गलतियों को उजागर किया, जिससे सुधार हुआ. मयंक ने डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बनाई.

एथिकल हैकर्स मयंक (ETV Bharat)

मयंक की पहचान और संघर्ष की कहानी : मयंक को 'साइबर वाला' के नाम से जाना जाता है. कुछ साल पहले तक उसके पास खुद का कंप्यूटर नहीं था, लेकिन अब वह एथिकल हैकिंग के जरिए बड़ा नाम बन चुका है. उसने नासा, गूगल जैसी कंपनियों को उनकी वेबसाइट की गलतियों के बारे में बताया और उन्हें सुधारा. गूगल ने मयंक को लैपटॉप और गिफ्ट्स भेजे, जबकि फोन पे ने उसे 'हॉल ऑफ फेम' में शामिल किया.

नासा और गूगल के साथ मयंक का कारनामा : मयंक ने नासा की वेबसाइट से डेटा लीक किया और ईमेल के जरिए अलर्ट किया, जिससे सुधार हुआ. उसने फोन पे को बिना OTP के लॉग इन किया, और इसके बाद फोन पे ने उसे सम्मानित किया. गूगल में बग ढूंढने के बाद, मयंक को लैपटॉप और गिफ्ट्स दिए गए थे, हालांकि उस समय उसके पास खुद का लैपटॉप नहीं था.

शिक्षा विभाग और अन्य सरकारी वेबसाइट में सुधार : मयंक ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के 'ई शिक्षा कोष' ऐप को हैक किया, जिसमें शिक्षक की उपस्थिति घर बैठे बनाई जा सकती थी. उसने इसका गलत उपयोग न करते हुए विभाग को अलर्ट किया और सुधार कराया. मयंक ने बिहार सरकार के कृषि विभाग की भूमि संरक्षण वेबसाइट में भी सुधार किया.

मयंक का भविष्य और बिहार सरकार से उम्मीद : मयंक ने बताया कि वह बिहार सरकार से 'एप्रिसिएशन लेटर' चाहता है ताकि वह आगे भी राज्य सरकार की वेबसाइट्स में सुधार कर सके. मयंक ने साइबर सुरक्षा से संबंधित एक फिल्म देखकर इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा ली थी. वह अब रायपुर की कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई कर रहा है.

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भागलपुर : कंप्यूटर के आविष्कार ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है. आजकल युद्ध तकनीकी के माध्यम से लड़े जा रहे हैं, न कि सिर्फ हथियारों से. इस तकनीकी दुनिया में एक से बढ़कर एक हैकर हैं, जिनमें से एक है जोनाथन जेम्स, जिसे 'कामरेड' के नाम से जाना जाता है. महज 15 साल की उम्र में उसने अमेरिकी सरकार को चुनौती दी थी. उसी तरह, बिहार में भी 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग से सबको हैरान कर दिया है.

मयंक के एथिकल हैकिंग से पर्दाफाश : भागलपुर के एक छोटे से कमरे में 20 वर्षीय मयंक ने एथिकल हैकिंग के जरिए नासा, गूगल, फोन पे जैसी कंपनियों और बिहार सरकार के डिजिटल विभाग को चौंका दिया है. उसने बिहार सरकार की वेबसाइट को हैक किया और कई संस्थाओं की वेबसाइट में छिपी गलतियों को उजागर किया, जिससे सुधार हुआ. मयंक ने डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बनाई.

एथिकल हैकर्स मयंक (ETV Bharat)

मयंक की पहचान और संघर्ष की कहानी : मयंक को 'साइबर वाला' के नाम से जाना जाता है. कुछ साल पहले तक उसके पास खुद का कंप्यूटर नहीं था, लेकिन अब वह एथिकल हैकिंग के जरिए बड़ा नाम बन चुका है. उसने नासा, गूगल जैसी कंपनियों को उनकी वेबसाइट की गलतियों के बारे में बताया और उन्हें सुधारा. गूगल ने मयंक को लैपटॉप और गिफ्ट्स भेजे, जबकि फोन पे ने उसे 'हॉल ऑफ फेम' में शामिल किया.

नासा और गूगल के साथ मयंक का कारनामा : मयंक ने नासा की वेबसाइट से डेटा लीक किया और ईमेल के जरिए अलर्ट किया, जिससे सुधार हुआ. उसने फोन पे को बिना OTP के लॉग इन किया, और इसके बाद फोन पे ने उसे सम्मानित किया. गूगल में बग ढूंढने के बाद, मयंक को लैपटॉप और गिफ्ट्स दिए गए थे, हालांकि उस समय उसके पास खुद का लैपटॉप नहीं था.

शिक्षा विभाग और अन्य सरकारी वेबसाइट में सुधार : मयंक ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के 'ई शिक्षा कोष' ऐप को हैक किया, जिसमें शिक्षक की उपस्थिति घर बैठे बनाई जा सकती थी. उसने इसका गलत उपयोग न करते हुए विभाग को अलर्ट किया और सुधार कराया. मयंक ने बिहार सरकार के कृषि विभाग की भूमि संरक्षण वेबसाइट में भी सुधार किया.

मयंक का भविष्य और बिहार सरकार से उम्मीद : मयंक ने बताया कि वह बिहार सरकार से 'एप्रिसिएशन लेटर' चाहता है ताकि वह आगे भी राज्य सरकार की वेबसाइट्स में सुधार कर सके. मयंक ने साइबर सुरक्षा से संबंधित एक फिल्म देखकर इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा ली थी. वह अब रायपुर की कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई कर रहा है.

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