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DGCA के यू-टर्न के बाद FIP ने कहा- इससे पायलटों और यात्रियों की जान को खतरा - AFTER DGCA U TURN

Federation of Indian Pilots, डीजीसीए के द्वारा पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों को स्थगित किए जाने पर यू टर्न लिया लिया गया है. इस पर एफआईपी ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इससे पायलट और यात्रियों की सुरक्षा को खतरा है.

After DGCA's U-turn, FIP wrote a letter to the Union Aviation Minister
डीजीसीए के यू-टर्न के बाद एफआईपी ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री को लिखा पत्र
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 29, 2024, 3:25 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 8:10 PM IST

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के द्वारा 1 जून से पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों के कार्यान्वयन को स्थगित किेए जाने पर यू टर्न लेने के एक दिन बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट (एफआईपी) ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि यह न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करता है.

28 मार्च को सिंधिया को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के बिना डीजीसीए 26 मार्च 2024 को सीएआ का संशोधित संस्करण जारी कर दिया. हालांकि संशोधन ऑपरेटरों के लिए 1 जून 2024 से स्थगित कर दिया गया. इसके बजाय अनुसूचित हवाई परिचलन संचालन में लगे ऑपरेटरों को अब नई सीएआर के अनुरूप अपनी संबंधित योजनाओं की मंजूरी तक 24 अप्रैल 2019 के मुताबिक संचालन जारी रखने की अनुमति होगी.

आगे इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि डीजीसीए के यू-टर्न से न केवल पायलटों की बल्कि हवाई यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा है. इसमें कहा गया है कि डीजीसीए द्वारा नवीनतम संशोधन यानी कार्यान्वयन के लिए अंतिम तिथि को छोड़ना है और लगातार रात के संचालन से संबंधित नियमों में किया गया संशोधन मनमाना है, क्योंकि इसका प्रभाव यह सुनिश्चित करना है कि संशोधित सीएआर स्थिर है. साथ ही यह भी कहा गया है कि डीजीसीए की कार्रवाई न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करती है. इसे संशोधित सीएआर के कार्यान्वयन द्वारा संरक्षित किया जा सकता है. इसके अलावा ऑपरेटरों के व्यावसायिक लाभ के लिए पायलटों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला जा सकता है.

डीजीसीए से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह करते हुए एफआईपी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि आप यह सुनिश्चित करेंगे कि डीजीसीए 8 जनवरी 2024 के आपके संदेश के पवित्र इरादे का अक्षरश: पालन करेगा. यहां यह ध्यान रखना उचित है कि संशोधित नागरिक उड्डयन आवश्यकता (CAR) 26 मार्च को देर रात अपलोड की गई, वहीं डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस बिना किसी समयसीमा का उल्लेख किए मौजूदा उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) नियमों को जारी रख सकती हैं.

बता दें कि यह कदम इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (FIA) द्वारा पिछले महीने 1 जून की समय सीमा को स्थगित करने के लिए डीजीसीए को लिखे जाने के बाद आया है. इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि नए नियमों के कार्यान्वयन के लिए एयरलाइंस को 15 प्रतिशत से अधिक किराया की आवश्यकता होगी. और यह भी कहा कि अगर डीजीसीए समय सीमा को स्थगित नहीं करेगा तो आगामी गर्मी के मौसम में उड़ानें और अधिक रद्द होंगी.

ये भी पढ़ें - DGCA ने लिया यू-टर्न, 1 जून से लागू होने वाले पायलट मानदंड नियम स्थगित

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के द्वारा 1 जून से पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों के कार्यान्वयन को स्थगित किेए जाने पर यू टर्न लेने के एक दिन बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट (एफआईपी) ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि यह न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करता है.

28 मार्च को सिंधिया को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के बिना डीजीसीए 26 मार्च 2024 को सीएआ का संशोधित संस्करण जारी कर दिया. हालांकि संशोधन ऑपरेटरों के लिए 1 जून 2024 से स्थगित कर दिया गया. इसके बजाय अनुसूचित हवाई परिचलन संचालन में लगे ऑपरेटरों को अब नई सीएआर के अनुरूप अपनी संबंधित योजनाओं की मंजूरी तक 24 अप्रैल 2019 के मुताबिक संचालन जारी रखने की अनुमति होगी.

आगे इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि डीजीसीए के यू-टर्न से न केवल पायलटों की बल्कि हवाई यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा है. इसमें कहा गया है कि डीजीसीए द्वारा नवीनतम संशोधन यानी कार्यान्वयन के लिए अंतिम तिथि को छोड़ना है और लगातार रात के संचालन से संबंधित नियमों में किया गया संशोधन मनमाना है, क्योंकि इसका प्रभाव यह सुनिश्चित करना है कि संशोधित सीएआर स्थिर है. साथ ही यह भी कहा गया है कि डीजीसीए की कार्रवाई न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करती है. इसे संशोधित सीएआर के कार्यान्वयन द्वारा संरक्षित किया जा सकता है. इसके अलावा ऑपरेटरों के व्यावसायिक लाभ के लिए पायलटों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला जा सकता है.

डीजीसीए से अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह करते हुए एफआईपी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि आप यह सुनिश्चित करेंगे कि डीजीसीए 8 जनवरी 2024 के आपके संदेश के पवित्र इरादे का अक्षरश: पालन करेगा. यहां यह ध्यान रखना उचित है कि संशोधित नागरिक उड्डयन आवश्यकता (CAR) 26 मार्च को देर रात अपलोड की गई, वहीं डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस बिना किसी समयसीमा का उल्लेख किए मौजूदा उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) नियमों को जारी रख सकती हैं.

बता दें कि यह कदम इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (FIA) द्वारा पिछले महीने 1 जून की समय सीमा को स्थगित करने के लिए डीजीसीए को लिखे जाने के बाद आया है. इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि नए नियमों के कार्यान्वयन के लिए एयरलाइंस को 15 प्रतिशत से अधिक किराया की आवश्यकता होगी. और यह भी कहा कि अगर डीजीसीए समय सीमा को स्थगित नहीं करेगा तो आगामी गर्मी के मौसम में उड़ानें और अधिक रद्द होंगी.

ये भी पढ़ें - DGCA ने लिया यू-टर्न, 1 जून से लागू होने वाले पायलट मानदंड नियम स्थगित

Last Updated : Mar 29, 2024, 8:10 PM IST
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