हल्द्वानी: सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाए गए घरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रखा है. हल्द्वानी के मलिक का बगीचे में सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के बाद से अभियान जारी है. अब जिला प्रशासन और वन विभाग के टीम ने वन विभाग की भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आठ निर्माणाधीन मकानों को ध्वस्त कर दिया है.
हल्द्वानी के बागजाला से हटाया अतिक्रमण: उप जिलाधिकारी हल्द्वानी परितोष वर्मा ने बताया कि हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र के बागजाला क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि कुछ सालों से वहां पर वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों ने अपने घर बनाने शुरू कर दिये थे. विभाग द्वारा उनको कई बार नोटिस जारी कर अवैध निर्माण नहीं करने को कहा गया था. लेकिन उनके द्वारा अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था. इसीलिए आज अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि उक्त क्षेत्र में बड़ी संख्या में अतिक्रमण हुआ है. पहले चरण में नवनिर्मित अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गयी है. आज आठ निर्माणाधीन भवनों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई है.
50 और 100 रुपए से स्टांप पेपर पर बेची सरकारी जमीन: अतिक्रमण ध्वस्तीतकरण की कार्रवाई के दौरान पुलिस प्रशासन ने एहतियातन भारी फोर्स को तैनात किया था. इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा पुलिस से प्रशासन और पीएसी के जवान तैनात रहे. सुरक्षा के दृष्टिगत आसपास के क्षेत्र को बैरिकेड भी किया गया था, जिससे कि बाहरी व्यक्ति अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी तरह का कोई दखल ना डाले. बताया जा रहा है कि उक्त क्षेत्र में काफी दिनों से भू माफिया वन विभाग की जमीन को ₹100 और ₹50 के स्टांप पर बेच रहे थे. प्रशासन ने लोगों से भूमि नहीं खरीदने की अपील भी की थी, लेकिन लोगों ने स्टांप पेपर पर ही जमीन खरीदी थी.
अतिक्रमणकारियों को चेतावनी: इस मौके पर एसडीओ वन विभाग अनिल जोशी ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को निर्माण नहीं करने और ध्वस्त करने के लिए नोटिस जारी किया गया था. लेकिन उनके द्वारा अभी भी निर्माण कार्य किया जा रहा था. जिसके बाद कार्रवाई की गयी है. भविष्य में और अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
बताया जा रहा है कि हल्द्वानी के बागजाला में वन विभाग की 100 हेक्टेयर जमीन लोगों ने अवैध कब्जा किया है. इसमें 66 हेक्टेयर जमीन पहले लीज पर दी गई थी. सन 2008 में वह लीज खत्म हो गई थी. इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में नए घर बनने लगे थे. वन विभाग की जमीन पर घर बनाने वालों को नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन उसका असर नहीं होता देख आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है.
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