नई दिल्ली : कैश फॉर क्वेरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मुख्यालय के सामने पेश हुए. टीएमसी की पूर्व लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोप के मामले में सीबीआई ने बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने को कहा था. जय देहाद्राई ने चल रहे मामले के संबंध में सीबीआई मुख्यालय में प्रवेश करने पर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि मुझे मामले में कुछ विवरणों के बारे में पता होने के बाद से उपस्थित होने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि देश के नागरिक के रूप में मैं इसका अनुपालन कर रहा हूं. चूंकि मामला न्यायाधीन है, इसलिए इस पर आगे टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा.
बता दें कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक (एसी-3) इकाई ने पहले देहाद्राई को लोकपाल/लोकायुक्त अधिनियम की धारा 22 के तहत तलब किया था. इसमें जांच के तहत विषय वस्तु से परिचित होने का हवाला दिया गया था और उनसे उपस्थिति होने का अनुरोध किया गया था.
इसी क्रम में सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 29 दिसंबर को लिखे एक पत्र में वकील देहाद्राई ने कहा था कि ऐसी संभावना हो सकती है कि टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा उनके फोन नंबर का उपयोग करके उनके भौतिक स्थान को ट्रैक कर रही हैं.
वकील ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि मोइत्रा का बंगाल पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने रसूख और संबंधों का दुरुपयोग करके निजी व्यक्तियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) प्राप्त करने का इतिहास है, ताकि कुछ लोगों के सटीक ठिकानों पर नजर रखने की उनकी इच्छा पूरी हो सके. वकील ने यह भी कहा था कि महुआ मोइत्रा ने पहले भी उन्हें कई धमकियां दी हैं और यह भी कहा था कि कई मौकों पर उन्हें लगा कि दिल्ली में उनके आवास के बाहर उनकी कार का पीछा किया जा रहा है.
शिकायत में लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए, महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में गृह मंत्रालय से पूरे भारत में 'झुके हुए पूर्व लोगों' की शिकायतों के लिए सीबीआई में एक विशेष निदेशक नियुक्त करने का आग्रह किया. नवंबर 2023 में, संघीय जांच एजेंसी ने देहाद्राई द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद लोकपाल के एक संदर्भ नोट के बाद मोहुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की है.
वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बाद में लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें टीएमसी के पूर्व सांसद पर संसद में सवाल उठाने के लिए नकद और उपहार लेने का आरोप लगाया गया. फिलहाल भ्रष्टाचार लोकपाल ने शिकायत को सीबीआई को भेज दिया, जिसने लोकपाल के नोट के आधार पर कैश-फॉर-क्वेरी मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.
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