नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. यह बैठक विपक्ष शासित राज्यों और केंद्र के बीच केंद्रीय बजट में भेदभाव के दावों को लेकर चल रहे तनाव के बीच हुई. भाषण के दौरान पीएम मोदी भारत के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि हर भारतीय 2047 तक एक विकसित राष्ट्र का सपना देखता है, और इसे साकार करने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनुचित व्यवहार और बोलने के लिए अपर्याप्त समय का हवाला देते हुए बैठक से उठकर बाहर चली गईं. हालांकि, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता सहित सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था.
Prime Minister Narendra Modi chaired the 9th Governing Council Meeting of NITI Aayog at the Rashtrapati Bhavan Cultural Centre, New Delhi which was attended by Chief Ministers/Lt Governors representing 20 States and 6 UTs.
— ANI (@ANI) July 27, 2024
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सुब्रह्मण्यम के अनुसार, शनिवार को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया, जबकि 26 मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल मौजूद थे. बैठक में भाग ने लेने वाले राज्यों में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली और पुडुचेरी शामिल थे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दोपहर के भोजन से पहले बोलने का अनुरोध किया था और इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया.
वहीं, प्रधानमंत्री ने पिछले दशक में भारत की स्थिर वृद्धि पर प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, 2024 में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार और देशवासियों का साझा उद्देश्य अब वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है.
जनसांख्यिकी प्रबंधन योजनाएं विकसित करने का अनुरोध
नरेंद्र मोदी ने राज्यों को जनसंख्या वृद्धावस्था से संबंधित भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए जनसांख्यिकी प्रबंधन योजनाएं विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने राज्यों से कृषि उत्पादकता और विविधीकरण को बढ़ाने, किसानों के लिए बाजार तक पहुंच में सुधार करने और प्राकृतिक खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने का आग्रह किया, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ा सकते हैं, लागत कम कर सकते हैं और वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में हुई प्रगति की ओर इशारा किया, जिसने भारत को बड़े पैमाने पर आयात-संचालित देश से एक प्रमुख निर्यातक में बदल दिया है. भारत ने रक्षा, अंतरिक्ष, स्टार्ट-अप और खेल जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने 140 करोड़ नागरिकों के आत्मविश्वास और उत्साह की सराहना की, जो देश की प्रगति को बढ़ावा दे रहे हैं.
यह परिवर्तन और अवसर का दशक
पीएम मोदी ने इस दशक को परिवर्तन और अवसर का दशक बताया और राज्यों से आग्रह किया कि वे इन संभावनाओं का लाभ उठाते हुए ऐसी नीतियों और शासन कार्यक्रमों को लागू करें जो नवीन रणनीतियों के माध्यम से विकास को बढ़ावा दें. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि गरीबी को पूरी तरह खत्म करना विकसित भारत के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए, उन्होंने केवल कार्यक्रमों के माध्यम से नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर गरीबी को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर से गरीबी से निपटने से देश पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा.
विकसित भारत 2047 विजन के लिए सुझाव...
बैठक के दौरान, मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने विकसित भारत 2047 विजन के लिए विभिन्न सुझाव दिए और अपने राज्यों में उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की. फोकस के प्रमुख क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा और कौशल विकास, उद्यमिता, पेयजल, अनुपालन बोझ को कम करना, शासन, डिजिटलीकरण, महिला सशक्तिकरण और साइबर सुरक्षा शामिल थे. कई राज्यों ने 2047 के लिए राज्य दृष्टिकोण विकसित करने की अपनी योजनाएं भी साझा कीं.
पीएम ने नीति आयोग को बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दिए गए सुझावों की समीक्षा करने का निर्देश दिया. नीति आयोग की बैठक विभिन्न विकास मुद्दों और नीतिगत मामलों को संबोधित करके 'भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने' पर केंद्रित थी. गवर्निंग काउंसिल में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.
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