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यासिन भटकल ने बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग की, इस दिन होगी सुनवाई - Yasin Bhatkal seeks custody parole

Yasin Bhatkal seeks custody parole: इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासिन भटकल ने कस्टडी पेरोल की मांग की है. उसने यह मांग बीमार मां को देखने के लिए की है. जानिए इस पर कोर्ट कब सुनवाई करेगा..

यासीन भटकल ने कस्टडी पेरोल की मांग की
यासीन भटकल ने कस्टडी पेरोल की मांग की (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2024, 3:25 PM IST

नई दिल्ली: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोपी यासिन भटकल ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर कस्टडी पेरोल देने की अनुमति मांगी है. कोर्ट भटकल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा. सोमवार को दिल्ली पुलिस इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने 24 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

हार्ट का हुआ ऑपरेशन: यासीन भटकल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. उसने अपनी याचिका में बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग की है. इसमें कहा गया है कि भटकल की मां का हाल में हार्ट का ऑपरेशन हुआ है. दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अप्रैल, 2023 को भटकल समेत 11 आरोपियों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय किया था. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. यासिन भटकल की चैट से सूरत में बम धमाके की योजना के बारे में खुलासा होता है. साथ ही यह भी पता चलता है कि ब्लास्ट से पहले वहां से मुस्लिमों को हटाने की भी योजना बनाई गई थी.

आईईडी बनाने में की थी मदद: यासीन भटकल न केवल एक बड़ी साजिश में शामिल था, बल्कि उसने आईईडी को बनाने में भी सहायता की थी. इंडियन मुजाहिद्दीन ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की. इसके लिए पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल का सहयोग लिया गया. वो भारत में प्रमुख स्थानों, विशेषकर दिल्ली में बम विस्फोटों द्वारा आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे.

यह भी पढ़ें- CM आतिशी और केजरीवाल को समन जारी, 3 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश

इन पर तय किए गए थे आरोप: कोर्ट ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए थे. वहीं, मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को आरोप मुक्त कर दिया था. एनआईए ने 2012 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सह संस्थापक यासीन भटकल समेत कई लोगों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित कई मामलों में केस दर्ज किया था.

यह भी पढ़ें- 7 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे अमानतुल्लाह खान, 25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

नई दिल्ली: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोपी यासिन भटकल ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर कस्टडी पेरोल देने की अनुमति मांगी है. कोर्ट भटकल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा. सोमवार को दिल्ली पुलिस इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट ने 24 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

हार्ट का हुआ ऑपरेशन: यासीन भटकल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. उसने अपनी याचिका में बीमार मां को देखने के लिए कस्टडी पेरोल की मांग की है. इसमें कहा गया है कि भटकल की मां का हाल में हार्ट का ऑपरेशन हुआ है. दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अप्रैल, 2023 को भटकल समेत 11 आरोपियों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय किया था. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. यासिन भटकल की चैट से सूरत में बम धमाके की योजना के बारे में खुलासा होता है. साथ ही यह भी पता चलता है कि ब्लास्ट से पहले वहां से मुस्लिमों को हटाने की भी योजना बनाई गई थी.

आईईडी बनाने में की थी मदद: यासीन भटकल न केवल एक बड़ी साजिश में शामिल था, बल्कि उसने आईईडी को बनाने में भी सहायता की थी. इंडियन मुजाहिद्दीन ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की. इसके लिए पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल का सहयोग लिया गया. वो भारत में प्रमुख स्थानों, विशेषकर दिल्ली में बम विस्फोटों द्वारा आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे.

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इन पर तय किए गए थे आरोप: कोर्ट ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए थे. वहीं, मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को आरोप मुक्त कर दिया था. एनआईए ने 2012 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सह संस्थापक यासीन भटकल समेत कई लोगों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित कई मामलों में केस दर्ज किया था.

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