नई दिल्ली: संसद सुरक्षा चूक के मामले के आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. दिल्ली पुलिस की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से इसकी योजना बना रहे थे. करीब एक हजार पेज की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. इस मामले में एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर की कोर्ट 9 सितंबर को सुनवाई होगी.
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बता दें दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने 7 जून को पहली चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है.
यह है मामला: बता दें कि 13 दिसंबर को संसद भवन की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे थे, जिसके बाद एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चढ़कर अपने जूतों से कुछ निकाला था, जिसके बाद पीले रंग का धुआं निकलने लगा था. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई थी, लेकिन इस बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया था. वहीं संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए थे, जो नारेबाजी करते हुए पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.