श्रीनगर(उत्तराखंड): मौसम की भविष्यवाणी के लिए अब एआई तकनीक का सहारा लिया जायेगा. इसके आधार पर बारिश, वायुमंडल में कणों के बनने, हवा की गति व दिशा का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है. गढ़वाल विवि के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर व शोध छात्र अब एआई तकनीक का प्रयोग मौसम की भविष्यवाणी करने में जुटे हुए हैं. यह प्रदेश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचाव अथवा पूर्व तैयारी में भी कारगर साबित हो सकता है.
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में बनाई गई लैब: गढ़वाल विश्वविद्यालय के भौतिकी विज्ञान विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग एटमोस्फेरिक लैब स्थापित की गई है. करीब 30 लाख की लागत से यहां एसईआरबी द्वारा वित्त पोषित योजना के तहत लैब स्थापित की गई है. लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य हिमालयी क्षेत्रों में मौसम में हो रहे परिवर्तन का अध्ययन करना व अतिवृष्टी, वातावरण में प्रदूषित तत्वों का अध्ययन करना है. यहां प्रोफेसरों के साथ शोध छात्र एआई मशीन लर्निंग से मौसम के पूर्वानुमान को लेकर कार्य कर रहे हैं, बहुत जल्द विभाग द्वारा रिपोर्ट जारी की जाएगी कि आखिर किस तरह एआई का प्रयोग मौसम की भविष्यवाणी के लिए कर सकते हैं.
शुरुआती समय में श्रीनगर के मौसम का अध्ययन: शोधार्थी करण सिंह ने बताया ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से तापमान, आर्द्रता, वायुमंडलीय दाब के डाटा को एआई की मदद से जांच व प्रशिक्षण में प्रयोग किया जाता है. जिसके आधार पर बारिश के पूर्वानुमान के साथ मौसम में हो रहे परिवर्तन की सटीक जानकारी का अनुमान लगाया जा सकता है. उनके पास केवल श्रीनगर व आस-पास के क्षेत्रों का डाटा उपलब्ध है इसलिए शुरुआती समय में यहां के बदलते मौसम पर अध्ययन किया जा रहा है.
ऐसे करेगा कार्य: एआई मॉडल को कोडिंग, एल्गोरिदम, प्रोग्रामिंग के द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसमें बीते सालों के मौसम आधारित डाटा की आवश्यकता भी पड़ती है, जिसके आधार पर आने वाले समय में तापमान में बढ़ोतरी, हवा की गति व दिशा का अनुमान, एरोसोल में वृद्धि, प्रदर्शित तत्वों की सटीक जानकारी मिल पायेगी. अगर बीते 50 सालों का सैटेलाइट डाटा मॉडल को दिया जाये तो एआई मॉडल के जरिए सटीक अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में तापमान में कितनी वृद्धि होगी. बारिश से लेकर अन्य मौसमी परिवर्तन का बेहतर पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है.
जितना अधिक डाटा, उतना सटीक पूर्वानुमान: गढ़वाल विवि के भौतिक विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आलोक सागर गौतम ने कहा मॉडल को जिस तरह के डाटा व प्रोग्रामिंग दी गई है उसके परिणाम स्वरूप जो भविष्यवाणी की जा रही हैं वह काफी हद तक सटीक हैं. हालांकि, अभी श्रीनगर क्षेत्र के मौसम को लेकर कार्य किया जा रहा है. जितना अधिक डाटा मॉडल को दे पायेंगे उतनी ही सटीक जानकारी मिल पायेगी. मॉडल को मौसम के पूर्वानुमान के लिए तैयार किया जा रहा है. उत्तराखंड के दूरस्थ हिमालयी क्षेत्रों में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित नहीं है. ऐसे में एआई मशीन लर्निंग मौसम का सटीक अनुमान में काफी कारगर साबित हो सकता है.
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