दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में 4 अक्टूबर को मुठभेड़ में पुलिस ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था. अब पुलिस ने शुक्रवार को कहा है कि माओवादियों ने स्वीकार किया है कि उनके सात और कैडरों ने उसी मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई है यानी अब मरने वालों माओवादियों की संख्या 38 हो गई है.
अबूझमाड़ मुठभेड़ पर बड़ी अपडेट: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा है कि ''अलग अलग सूत्रों से मिली जानकारी को वेरिफाई किया गया है. कुल मिलाकर अबूझमाड़ मुठभेड़ में 38 माओवादियों की मौत होने की जानकारी मिली है. हमने आज 38 माओवादियों की लिस्ट भी जारी किया है. कुल मिलाकर उस मुठभेड़ में माओवादियों को काफी बड़ा झटका लगा है.''
नक्सलियों की कंपनी नंबर 6 के 18 माओवादी मारे गए: बस्तर आईजी ने कहा कि अबूझमाड़ मुठभेड़ में एक डीकेएसजेडसी मेंबर नीति उर्फ उर्मिला, 4 डीवीसीएम कैडर जिसमें महेश, श्याम, मीना शामिल हैं. कंपनी नंबर 6 के कुल 18 माओवादियों की मौत हुई है.
एंटी नक्सल ऑपरेशन से बड़ा झटका: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने यह भी कहा कि माओवादी संगठन को थुलथुली मुठभेड़ में बहुत झटका लगा और बड़ा नुकसान हुआ है. हम आगे भी माओवादी संगठन के खिलाफ प्रबल रूप से कार्रवाई के लिए कार्ययोजना तैयार कर एक एक कदम मजबूती से बढ़ाएंगे और इस इलाके में माओवादी गतिविधि को समाप्त करने की दिशा में कार्रवाई करेंगे.
मारे गए 38 माओवादियों की हुई पहचान: पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए सभी 38 नक्सलियों की पहचान कर ली गई है. यह छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद किसी एक नक्सल ऑपरेशन में माओवादियों की सबसे ज्यादा मौतें थीं और उन पर सामूहिक रूप से 2.62 करोड़ रुपये का इनाम था.
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा एनकाउंटर: नारायणपुर दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर थुलथुली और नेंदूर गांवों के बीच जंगल में अबूझमाड़ इलाके में मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मियों ने 31 नक्सलियों के शव और स्वचालित हथियारों का जखीरा बरामद किया था. ऑपरेशन में राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक संयुक्त टीम शामिल थी.
साथियों के शव लेकर भागे थे नक्सली: दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा कि प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन ने एक प्रेस बयान में पुष्टि की कि उसी मुठभेड़ में सात और नक्सली मारे गए और वे मुठभेड़ के दौरान उनके शवों को अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे.
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय का बड़ा बयान: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि माओवादियों की इस स्वीकारोक्ति के साथ अबूझमाड़ की भीषण मुठभेड़ में कुल 38 नक्सली मारे गये और उन सभी की पहचान सुनिश्चित कर ली गयी है. नीति उर्फ उर्मिला, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की 25 लाख की इनामी महिला सदस्य शामिल थी. वह इस साल राज्य में सुरक्षा कर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारी जाने वाली चौथी डीकेएसजेडसी सदस्य थी. एक अन्य प्रमुख मृत कैडर नंदू मंडावी था, जो माओवादियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन का कमांडर था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडावी के सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था.
मारे गए कैडरों में से 22 पर 8-8 लाख रुपये, नौ पर 5-5 लाख रुपये और तीन पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था. गोलीबारी में मारे गए 38 कैडरों में से 36 पर सामूहिक रूप से 2.62 करोड़ रुपये का इनाम था. :गौरव राय, दंतेवाड़ा एसपी
मारे गए नक्सली थे 250 केसों में वांटेड: एसपी ने बताया कि मारे गए नक्सली दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडगांव और बस्तर जिलों में 250 से अधिक नक्सली घटनाओं में वांछित थे. पुलिस के साथ 61 मुठभेड़ों, पुलिस शिविरों पर 11 हमलों, 17 आईईडी विस्फोटों, आगजनी की नौ घटनाओं और मतदान केंद्रों पर तीन हमलों में शामिल थे. उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में 28 पुलिसकर्मियों और 23 नागरिकों की जान चली गई, जबकि 15 सुरक्षाकर्मी और 26 नागरिक घायल हो गए.
माओवादियों के शव परिजनों को सौंपे गए: एसपी ने कहा कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मियों द्वारा बरामद किए गए 31 शवों में से 29 शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है. इस साल अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने लगभग 200 माओवादियों को मार गिराया है. अबूझमाड़ मुठभेड़ से पहले 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में उच्च पदस्थ कैडरों सहित 29 नक्सली मारे गए थे.