हल्द्वानी (उत्तराखंड): बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के मलिक के बगीचे में सरकारी भूमि पर बने अवैध नवाज स्थल और अवैध मदरसे को हटाने को लेकर हल्द्वानी में हुए बवाल और उपद्रव का आरोपी पुलिस अब्दुल मलिक को बता रही जा रहा है. एसएसपी प्रह्लाद मीणा का कहना है कि घटना के दिन से अब्दुल मालिक फरार चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम में जगह-जगह दबिश दे रही है. अब्दुल मलिक पुलिस के पकड़ से अभी भी बाहर है.
करोड़ों की संपत्ति का मालिक है अब्दुल मलिक: बताया जा रहा है कि हल्द्वानी उपद्रव और हिंसा का आरोपी अब्दुल मलिक शहर में अपनी ऊंची पहुंच रखता है. वो कई करोड़ की संपत्ति का मालिक है. जिस बगीचे में अवैध रूप से बने नमाज स्थल और मदरसा बनाये गये हैं, उसके आसपास की भूमि को अब्दुल मलिक अपनी बताता है.
सरकारी जमीन पर अवैध रूप से लोगों को बसाने का है आरोप: बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों का दावा है कि 1937 में विवादित जमीन और उसके आसपास के क्षेत्र करीब 60 एकड़ भूमि उसके पूर्वजों ने लीज पर ली थी. लीज निरस्त होने के बाद उक्त भूमि सरकार के पास चली गई थी. इस भूमि की देखरेख नगर निगम हल्द्वानी के हवाले थी. लेकिन अपनी ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर अब्दुल मलिक जमीन पर कब्जा करके बैठा हुआ था. बताया जा रहा कि 62 वर्षीय अब्दुल मलिक अपने 6 भाइयों में सबसे छोटा है. इसके ताऊ अब्दुल्ला 1960 के दशक में हल्द्वानी नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं.
पिता के साथ चावल बेचता था अब्दुल मलिक: हल्द्वानी उपद्रव और हिंसा का आरोपी अब्दुल मलिक मुस्लिम समुदाय में बंजारा परिवार से आता है. उसकी प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी में हुई. उसने बीए की शिक्षा नैनीताल से ली है. अब्दुल मलिक के परिवार का पुराना काम चावल और अनाज बेचने था. वो अपने पिता के साथ चावल का कारोबार करता था. राजनीतिक पहुंच रखने वाले अब्दुल मलिक की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में भी पैठ बताई जाती है. उत्तर प्रदेश के जमाने में वो विधानसभा चुनाव लड़ चुका है. 1990 के दशक में चड्ढा ग्रुप के साथ खनन में भी अपना हाथ आजमा चुका है. यहां तक की रेलवे के ठेकेदारी में भी अपना हाथ आजमा चुका है. बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक के हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कई कारोबार हैं.
सपा नेता के हत्याकांड में जा चुका है जेल: एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि अब्दुल मलिक 25 साल पहले हल्द्वानी के एक सपा नेता की हत्याकांड के मामले में वांटेड रह चुका है और सजा भी काट चुका है. वो लग्जरी गाड़ियों में घूमने का शौकीन है. अपने साथ कई निजी गनर भी लेकर चलता है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि अब्दुल मलिक ने सरकारी भूमि पर अवैध मदरसा और मस्जिद बनाकर अपने समुदाय में अच्छी खासी पैठ बना ली थी. उसका मकसद यही था कि अवैध मदरसे और मस्जिद की आड़ में वो नगर निगम को दबाव में ले लेगा और निगम उससे सरकारी जमीन खाली कराने को नहीं कहेगा. जब नगर निगम अवैध निर्माण गिराने गया तो उसके आह्वान इतनी बड़ी अराजक भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसने बनभूलपुरा थाने को आग लगाने के साथ ही 70 से ज्यादा वाहनों को फूंक दिया.
एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा बताते हैं कि, वर्ष 19 मार्च 1998 को सपा नेता रहुफ सिद्दीकी हत्याकांड में भी अब्दुल मलिक का नाम शामिल है. इस मामले में वो कई सालों तक जेल में रह चुका है. अब्दुल मलिक के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं-
- वर्ष 1983 में हल्द्वानी कोतवाली में मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 307, 323 के तहत केस दर्ज.
- वर्ष 1986 में आईपीसी की धारा 152, 427, 323, 504, 506 के तहत केस दर्ज.
- वर्ष 1998 में आईपीसी की धारा 307, 302, 147, 148, 149 के तहत केस दर्ज. उत्तर प्रदेश बरेली भोजीपुरा थाना में समाजवादी पार्टी के नेता की हत्या और साथियों के ऊपर प्राण घातक हमले में भी अब्दुल मलिक का नाम सामने आया था.
नगर आयुक्त को चेतावनी देते मलिक का वीडियो वायरल: 8 फरवरी को जब हल्द्वानी में उपद्रव और हिंसा हुई तो उससे एक हफ्ते पहले का अब्दुल मलिक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सरकारी जमीन सील करने गई नगर निगम की टीम के साथ पहुंचे नगर आयुक्त से अब्दुल मलिक बहस करता दिख रहा है. वीडियो देखने पर पता चल रहा है कि वो नगर आयुक्त को चेतावनी दे रहा है.
ये भी पढ़ें: