गाजीपुर : मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की पैरोल समाप्त हो चुकी है. इसके बाद गुरुवार की तड़के 5 बजे उसे कड़ी सुरक्षा के बीच गाजीपुर जिला जेल से कांसगंज जेल के लिए रवाना कर दिया गया. अब्बास मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक है. सुप्रीम कोर्ट से उसे पिता की स्मृति में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए तीन दिनों की पैरोल मिली थी.
अब्बास अंसारी 10, 11 और 12 जून को मिले पैरोल में दिन में मुहम्मदाबाद फाटक स्थित अपने घर पर परिजनों के साथ रहा. इस दौरान वह पिता मुख्तार अंसारी की स्मृति में आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल हुआ. रात में अब्बास को गाजीपुर जेल में ही रहना पड़ता था.
पैरोल के अंतिम दिन बुधवार को अब्बास अंसारी को उसके आवास पर ले जाया गया था. यहां अब्बास ने परिवार के लोगों से मुलाकात की. इसके बाद शाम करीब 6:30 बजे उसे जिला जेल गाजीपुर लाया गया. इसके बाद गुरुवार की तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच उसे कासगंज जेल के लिए रवाना कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार उसे 13 जून को कासगंज जिला जेल में शिफ्ट किया जाना था.
अब्बास अंसारी को प्रयागराज में हुए मनी लॉड्रिंग केस में सजा हुई थी. वह चित्रकूट जेल में बंद था. यहां चोरी-छिपे उसने पत्नी निकहत से मुलाकात की थी. अफसरों ने छापेमारी कर दोनों को रंगे हाथ पकड़ा था. पुलिस को निकहत के पास से विदेशी करेंसी के साथ मोबाइल भी मिला था. इस घटना के बाद पत्नी को भी जेल भेज दिया गया था. बाद में अब्बास को कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
बांदा जेल में बंद अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी का स्वास्थ्य 28 मार्च को खराब हो गया था. उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. परिवार के लोग जहर दिए जाने का आरोप लगा रहे थे. 29 मार्च को शव पैतृक घर ले जाया गया था. 30 मार्च को शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक आया था.
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