लखनऊः आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह को सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से हुई सजा के बावजूद सरेंडर नहीं करने पर जारी वारंट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रोक लगा दी है. अब संजय सिंह को सुल्तानपुर की ट्रायल कोर्ट में सरेंडर नहीं करना होगा. एमपी एमएलए ट्रायल कोर्ट के सरेंडर करने के आदेश पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कल संजय सिंह की बेल पर सुनवाई होगी.
पानी बिजली की समस्या को लेकर 23 साल पहले दिए गए धरना प्रदर्शन पर संजय सिंह को स्थानीय कोर्ट ने 3 माह की सजा सुना दी थी और उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया था. एनबीडब्ल्यू भी जारी हो गया था. संसद संजय सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट सतीश चंद्र मिश्रा हाईकोर्ट में पेश हुए थे. इस मामले में संजय सिंह के अलावा पूर्ण सपा विधायक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा समेत 6 लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ था.
6 अगस्त 2024 को एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने निचली अदालत से हुई सजा के आदेश को बहाल रखते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह सपा के पूर्व विधायक सहित अच्छे लोगों को बीते 9 अगस्त को सरेंडर करने का आदेश दिया था. जज के छुट्टी पर होने के कारण 9 अगस्त के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी थी. 6 अगस्त को सरेंडर करने के आदेश के बावजूद 13 अगस्त तक सरेंडर नहीं किया गया था. संजय सिंह ने सदन की कार्रवाई में मौजूद होने और अन्य आरोपियों के स्वास्थ्य खराब का कारण बात कर संजय सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट से समय मांगा था.
इस मामले पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 13 अगस्त को समय मांगने के आदेश को निरस्त कर सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी कर 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करने की तारीख लगा दी थी. इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. इससे पहले ही संजय सिंह ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील दायर की थी.
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