नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही. दिल्ली के अलीपुर में आगजनी की घटना और इसके पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद दिल्ली विधानसभा पहुंचे सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाते हुए विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. आज इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी. वहीं ईडी की शिकायत के बाद उन्हें शनिवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में भी पेश होना है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि कुछ दिनों पहले उनके पास दो विधायक आए. उन्होंने कहा कि उन्हें 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. केजरीवाल ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली की 21 आम आदमी पार्टी के विधायकों से बीजेपी ने संपर्क किया था. उसके बाद हमने एक-एक विधायकों से संपर्क किया तो पता चला कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों से संपर्क किया था.
आगे केजरीवाल ने कहा कि यह जो तथाकथित शराब घोटाला है, यह कोई घोटाला नहीं है. जैसा कि बीजेपी अन्य राज्यों में सरकारें गिरा रही है, पार्टी तोड़ रही हैं, इनका मकसद दिल्ली के अंदर भी शराब घोटाले की आड़ में गिरफ्तार करके आम आदमी पार्टी की सरकार गिराना है. इन्हें पता है कि दिल्ली के अंदर चुनाव जीत नहीं सकते, जब चुनाव जीत नहीं सकते तो किसी भी तरह सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाना बीजेपी का मकसद है. लेकिन ऊपर वाले की दया है, उनका प्रयास सफल नहीं रहा.
केजरीवाल ने कहा कि यह देखने के लिए और जनता को दिखाने के लिए कि हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा. सारे विधायक हमारे साथ हैं केजरीवाल ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से लिखित विश्वास प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगी. फिर केजरीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि अब इस विश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को चर्चा होगी. मुख्यमंत्री द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का हाल सब ने देखा. दिल्ली में भी मुख्यमंत्री ने जरूर कुछ ऐसा लगा है तभी वह विश्वास प्रस्ताव लाए हैं.
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बता दें कि इससे पहले 29 मार्च 2023 को भी जब बजट सत्र चल रहा था उस दौरान आम आदमी पार्टी की सरकार ने सदन में विपक्ष की गैर मौजूदगी में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस पर चर्चा हुई थी और सरकार ने विश्वास बहुमत हासिल कर लिया था. उस दौरान भी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर अपने विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था.
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