नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने यूरिया और डायमोनियम फॉस्फेट उर्वरकों की खरीद के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही किसानों को इन उर्वरकों को खरीदने के लिए आधार कार्ड की जरूरत होगी. सरकार ने यह फैसला रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित इस्तेमाल पर लगाम लगाने और अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लिया है.
इसके अलावा इसका उद्देश्य मिट्टी की क्वालिटी में सुधार करना और किसानों को ओर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है. सरकार ने यह कदम इसलिए भी उठाया है ताकि सब्सिडी का गलत इस्तेमाल न हो और उर्वरकों की कालाबाजारी को रोका जा सके.
क्या हैं नियम के फायदे?
आधार कार्ड के जरिए उर्वरकों का डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसपेरेंट होगा और कालाबाजारी पर रोक लगेगी. इसके अलावा इससे वैकल्पिक उर्वरकों का इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा, जिससे खेती में लगने वाली लागत कम होगी. इससे ओर्गेनिक खेती में बढ़ोतरी होगी और किसानों को अधिक लाभ होगा और उनकी आय भी बढ़ेगी.
इतना ही इस फैसले के चलते रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में कमी आएगी, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा. इससे उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी का सही इस्तेमाल हो सकेगा.
पीएम प्रणाम योजना
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए पीएम प्रणाम योजना पेश की थी. इस योजना के जरिए नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर गिया गया था. इस योजना को 28 जून, 2023 को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने मंजूरी दी थी.
इस योजना के तहत रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में कमी करने वाले राज्यों को बचाई गई सब्सिडी का 50 प्रतिशत हिस्सा अनुदान के रूप में दिया जाता है. राज्य इस अनुदान का इस्तेमाल किसानों के वेलफेयर के लिए कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें- नहीं पसंद आई आधार कार्ड पर लगी फोटो...घर बैठे फ्री में करें अपडेट