देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं अब बढ़ने लगी हैं. सोमवार को इस सीजन की सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में पिछले 24 घंटे के भीतर 52 जगह पर आग लगी, जिसे बुझाने में वन महकमे के पसीने छूट गए. चिंता की बात यह है कि घटनाओं के इस नए रिकॉर्ड ने आने वाले दिनों में वनाग्नि की दिक्कतों के बढ़ने के भी संकेत दे दिए.
उत्तराखंड के लिए सोमवार का दिन बेहद चिंता भरा रहा. दरअसल प्रदेश के जंगलों में आग की घटनाओं ने इस सीजन के रिकॉर्ड तोड़ दिए. राज्य भर के जंगलों में कुल 52 जगहों पर आग लगने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई. इसमें 14 घटनाएं गढ़वाल मंडल में हुई तो वहीं 35 घटनाएं कुमाऊं मंडल के जंगलों के रिकॉर्ड हुई. इसके अलावा तीन घटनाएं वन्य जीव संरक्षित वन क्षेत्रों में मिली. इस तरह सोमवार को 24 घंटे के दौरान कुल 76.65 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुए. जिसमें 165,300 रुपए की आर्थिक क्षति रिकॉर्ड की गई है.
प्रदेश में 1 नवंबर से अब तक आग लगने की कुल 431 घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं. इसमें गढ़वाल मंडल वाले वन क्षेत्र में 177 घटनाएं हुई हैं. कुमाऊं मंडल के जंगलों में 215 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. उधर वन्य जीव संरक्षित वन क्षेत्र में 39 जगह पर आग लगने की शिकायतें मिली हैं. इस तरह करीब 5 महीने से ज्यादा समय में राज्य के 516.92 हेक्टेयर जंगल आग से प्रभावित हुए, जिसमें अब तक राज्य को 1,113,451 रुपए का नुकसान हो चुका है.
इस बीच अच्छी बात यह है कि प्रदेश में इतने समय के दौरान जितनी भी घटनाएं हुई उसमें कोई भी मानव या पशु क्षति नहीं हुई है. राज्य में सोमवार को जिस तरह इस सीजन की रिकॉर्ड घटनाएं दर्ज की गई हैं, उसने आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं को लेकर वन विभाग की चिंता बढ़ा दी हैं. हालांकि आने वाले दिनों में तापमान के गर्म होने के कारण ऐसी घटनाओं में और इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है.
प्रदेश में APCCF निशांत वर्मा ने बताया कि जंगलों में लग रही आग को लेकर विभाग पूरी तरह से संवेदनशील है और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उधर वन विभाग की तरफ से पहले ही विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में जंगलों की आग को लेकर अतिरिक्त तैयारी भी की गई है.
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