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नीट में अनियमितताओं के आरोपों पर कोटा के शिक्षाविद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका - NEET UG Controversy

एनटीए पर नीट यूजी 2024 में अनियमितता के आरोप को लेकर सोमवार को कोटा के एक कोचिंग संस्थान के संस्थापक ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. इस याचिका में परीक्षा दोबारा आयोजित करवाने या कैंडिडेट के ग्रेस अंक हटाने की मांग की है.

कोटा के शिक्षाविद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
कोटा के शिक्षाविद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका (ETV Bharat New Delhi)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 10, 2024, 10:11 PM IST

कोटा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 में अनियमितताओं के आरोप को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका के जरिए नीट यूजी 2024 की परीक्षा दोबारा आयोजित करवाने या फिर कैंडिडेट को दिए गए ग्रेस अंक को वापस हटाने की मांग की गई है. हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट ने यह तय नहीं किया है कि इस जनित याचिका पर कब सुनवाई होगी. यह याचिका कोटा के एक कोचिंग संस्थान के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने दाखिल की है.

उन्होंने बताया कि नीट यूजी में अनियमितताओं को लेकर कोचिंग की ओर से चलाए जा रहे डिजिटल सत्याग्रह के तहत करीब 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने अपनी शिकायत दी है. इसके मद्देनजर वे शनिवार को याचिका लेकर दिल्ली गए थे. इन स्टूडेंट्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है. याचिका में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 स्टूडेंट्स होने, एक सेंटर से 8 स्टूडेंट्स की फर्स्ट रैंक आने, 720 में से 718 और 719 नंबर मिलने, 10 दिन पहले ही परिणाम जारी करने और समय बर्बाद होने के नाम पर ग्रेस मार्क्स देने सहित अन्य सवाल उठाए गए हैं.

पढे़ं. अच्छी खबर : कोटा कोचिंग नीट स्कोर के आधार पर दे रही 90 फीसदी तक स्कॉलरशिप - NEET UG 2024

ये कहा याचिका में : याचिका में बताया गया है कि 2018 के कोर्ट के जिस फैसले के आधार पर एनटीए ने यह ग्रेस नंबर दिए हैं, उसमें ऊपर ही लिखा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग के मामले में यह लागू नहीं होगा. किस कैंडिडेट का कितना समय बर्बाद हुआ, एनटीए ने यह सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर तय किया है, लेकिन इतने कैंडिडेट के फुटेज देखना संभव नहीं है. ऐसे में एनटीए की ओर से टाइम लूज होने पर ग्रेस नंबर देने का कोई आधार नहीं है.

कोटा. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 में अनियमितताओं के आरोप को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका के जरिए नीट यूजी 2024 की परीक्षा दोबारा आयोजित करवाने या फिर कैंडिडेट को दिए गए ग्रेस अंक को वापस हटाने की मांग की गई है. हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट ने यह तय नहीं किया है कि इस जनित याचिका पर कब सुनवाई होगी. यह याचिका कोटा के एक कोचिंग संस्थान के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने दाखिल की है.

उन्होंने बताया कि नीट यूजी में अनियमितताओं को लेकर कोचिंग की ओर से चलाए जा रहे डिजिटल सत्याग्रह के तहत करीब 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने अपनी शिकायत दी है. इसके मद्देनजर वे शनिवार को याचिका लेकर दिल्ली गए थे. इन स्टूडेंट्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है. याचिका में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 स्टूडेंट्स होने, एक सेंटर से 8 स्टूडेंट्स की फर्स्ट रैंक आने, 720 में से 718 और 719 नंबर मिलने, 10 दिन पहले ही परिणाम जारी करने और समय बर्बाद होने के नाम पर ग्रेस मार्क्स देने सहित अन्य सवाल उठाए गए हैं.

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ये कहा याचिका में : याचिका में बताया गया है कि 2018 के कोर्ट के जिस फैसले के आधार पर एनटीए ने यह ग्रेस नंबर दिए हैं, उसमें ऊपर ही लिखा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग के मामले में यह लागू नहीं होगा. किस कैंडिडेट का कितना समय बर्बाद हुआ, एनटीए ने यह सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर तय किया है, लेकिन इतने कैंडिडेट के फुटेज देखना संभव नहीं है. ऐसे में एनटीए की ओर से टाइम लूज होने पर ग्रेस नंबर देने का कोई आधार नहीं है.

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