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हाईकोर्ट का आदेश- वृंदावन बांके बिहारी मंदिर के सभी रास्तों से हटाएं 81 अतिक्रमण

ALLAHABAD HIGH COURT: फिलहाल मंदिर के रास्तों पर करीब 20 फीट तक कब्जा, अदालत ने कहा- सभी चिन्हित अतिक्रमण हटाने के बाद अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करे मथुरा प्रशासन

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बांके बिहारी मंदिर के रास्तों से अतिक्रमण हटाया जाएगा (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 6:57 PM IST

Updated : Oct 15, 2024, 7:13 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृंदावन से बांके बिहारी मंदिर जाने वाले सभी रास्तों से चिन्हित 81 अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. मथुरा जिला प्रशासन ने कोर्ट में रिर्पोट सौंपी है कि कुल मिला कर रास्तों में 81अतिक्रमण स्थल चिन्हित किए गए हैं. इस पर कोर्ट ने इन अतिक्रमणों को हटा कर अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायन मिश्र की खंडपीठ ने मंगलवार को बांके बिहारी कॉरिडोर मामले को लेकर दाखिल अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नगर निगम को भी याचिका में पक्षकार बनाया जाए. साथ ही नगर निगम को अतिक्रमण हटाने में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

वहीं इस दौरान मुख्य सेवाधिकारी अशोक गोस्वामी के वकील शशि शेखर मिश्र ने कहा कि प्रशासन बुधवार को होने वाले शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर के खुलने का समय 6 बजे कर दिया है. जबकि कोर्ट ने पूर्व के आदेश में मंदिर प्रबंधन में प्रशासन के हस्तक्षेप पर रोक लगाई थी. इस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी.

जिला प्रशासन के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर तक जाने वाले 4 रास्तों पर 80 फीसदी अस्थाई और 20 फीसदी पक्का अतिक्रमण पाया गया. लोगों के चलने के लिए जगह नहीं थी. दुकानों के आगे सामान रखा था. कई घर ऐसे थे, जिन्होंने अवैध तरीके से पक्के निर्माण करवाए हैं. बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर करीब 20 फीट तक कब्जा है.

ये भी पढ़ें- किसान भाइयों पराली जलाई तो खैर नहीं; सेटेलाइट तस्वीरों से पकड़ रही योगी सरकार

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृंदावन से बांके बिहारी मंदिर जाने वाले सभी रास्तों से चिन्हित 81 अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. मथुरा जिला प्रशासन ने कोर्ट में रिर्पोट सौंपी है कि कुल मिला कर रास्तों में 81अतिक्रमण स्थल चिन्हित किए गए हैं. इस पर कोर्ट ने इन अतिक्रमणों को हटा कर अगली सुनवाई पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायन मिश्र की खंडपीठ ने मंगलवार को बांके बिहारी कॉरिडोर मामले को लेकर दाखिल अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नगर निगम को भी याचिका में पक्षकार बनाया जाए. साथ ही नगर निगम को अतिक्रमण हटाने में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

वहीं इस दौरान मुख्य सेवाधिकारी अशोक गोस्वामी के वकील शशि शेखर मिश्र ने कहा कि प्रशासन बुधवार को होने वाले शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर के खुलने का समय 6 बजे कर दिया है. जबकि कोर्ट ने पूर्व के आदेश में मंदिर प्रबंधन में प्रशासन के हस्तक्षेप पर रोक लगाई थी. इस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी.

जिला प्रशासन के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर तक जाने वाले 4 रास्तों पर 80 फीसदी अस्थाई और 20 फीसदी पक्का अतिक्रमण पाया गया. लोगों के चलने के लिए जगह नहीं थी. दुकानों के आगे सामान रखा था. कई घर ऐसे थे, जिन्होंने अवैध तरीके से पक्के निर्माण करवाए हैं. बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर करीब 20 फीट तक कब्जा है.

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Last Updated : Oct 15, 2024, 7:13 PM IST
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