किशनगंज : भारत-म्यांमार सीमा से सोने की तस्करी का बिहार में खुलासा हुआ है. इस मामले में डीआरआई यानी राजस्व खुफिया निदेशालय ने सोने के 70 बिस्किट के साथ दो तस्करों को दबोचा है. ये तस्कर मणिपुर के रास्ते सड़क मार्क से होते हुए सिलीगुड़ी, किशनगंज के रास्ते गुरुग्राम में तस्करी करने जा रहे थे. लेकिन इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर दोनों को बिस्किट के साथ दबोच लिया गया.
11 किलो सोना बरामद : बरामद सोने की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 7 करोड़ 58 लाख 13 हजार 800 रुपए है. बरामद सोने के बिस्कुटों का कुल वजन 11 किलो 620 ग्राम है. गिरफ्तार तस्कर मनजीत और अंकित हैं जो कि हरियाणा के रहने वाले हैं. दोनों ने पूछताछ में बताया कि सोने का बिस्किट म्यांमार सीमा से लेकर निकले थे. इधर डीआरआई को सूचना मिल चुकी थी कि कुछ तस्कर सिलीगुड़ी से फुलवारी की ओर फोर व्हीलर से आ रहे हैं.
म्यांमार से गुरुग्राम जा रहा था सोना : गुप्त सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने उक्त वाहन को रुकने का इशारा किया लेकिन रुकने की बजाय भागने लगे. तस्कर गाड़ी भगाते हुए इस्लामपुर होते हुए किशनगंज के रास्ते दलखोला, बायसी पूर्णिया, जीरोमाइल होता हुआ अररिया पार कर फारबिसगंज की ओर भागने लगा. टीम ने अररिया के नरपतगंज के पास वाहन को रोकने में कामयाबी मिल गई. वाहन की तलाशी ली गई तो उसमें सोने के 70 बिस्किट मिले.
किशनगंज के रास्ते तस्करी : इन बिस्कुट को एलसीडी पैनल के अंदर विशेष रूप से बनाए गए बॉक्स में छिपाकर रखे गए थे. वहीं गिरफ्तार दोनों तस्करों को डीआरआई की टीम ने गुरुवार को सिलीगुड़ी न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. किशनगंज एसडीपीओ गौतम कुमार ने बताया किशनगंज के रास्ते डीआरआई की टीम तस्करों का पीछा करने के दौरान किशनगंज पुलिस को किसी तरह की सूचना नहीं दिया था. सूचना देने पर तस्करों को किशनगंज में बैरिकेडिंग और नाकाबंदी कर दबोचा जा सकता था.
डीआरआई की टीम ने किया खुलासा : दरअसल इस बात से इंकार नहीं क्या जा सकता है कि किशनगंज के रास्ते सोने की तस्करी नहीं होती है. डीआरआई की टीम ने पीछा कर इस बात की पुष्टि कर दिया है कि किशनगंज सोने के तस्करों के लिए आसान हाईवे है. यदि किशनगंज पुलिस राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारीकी से नजर रखे तो हर रोज कई तस्करी का खुलासा हो सकता है.
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