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उत्तराखंड चारधाम यात्रा में आज तीन और तीर्थ यात्रियों की गई जान, श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा पहुंचा 52 - devotees died in Chardham Yatra - DEVOTEES DIED IN CHARDHAM YATRA

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रही है. आज शुक्रवार 24 मई को भी उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आए तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई. 15 दिनों के अंदर चारधाम यात्रा में 52 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है.

DEVOTEES DIED IN CHARDHAM YATRA
उत्तराखंड चारधाम यात्रा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 24, 2024, 5:16 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 इस समय अपने पूरे चरम पर है. एक तरफ जहां चारधाम में बढ़ती भीड़ सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौतों के आंकड़ों ने भी सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. शुक्रवार 24 मई को उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आए तीन और श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. तीनों श्रद्धालुओं की मौत बदरीनाथ धाम में हुई है. इन तीनों मौतों के बाद चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा बढ़कर 52 हो गया.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की जान गई: यमुनोत्री-गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही दस मई को उत्तराखंड चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी. वहीं 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे. इन 15 दिनों के अंदर उत्तराखंड चारधाम यात्रा में 52 श्रद्धालु अपनी जाव गंवा चुके है. सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हुई है.

गंगोत्री धाम में सबसे कम मौत: उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो केदारनाथ धाम में बीते 15 दिनों के अंदर 23 श्रद्धालुओं की मौत हुई हैं. केदारनाथ धाम के बाद यमुनोत्री धाम में भी बीते 15 दिनों के अंदर 12 श्रद्धालुओं की जान गई है. वहीं बदरीनाथ धाम की बात की जाए तो यहां बीते 12 दिनों में 14 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है. सबसे कम गंगोत्री धाम में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई.

अधिकाशं मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया जा रहा है. कुछ श्रद्धालुओं की मौत अन्य बीमारियों के कारण भी हुई है. चारधाम यात्रा में जिन लोगों की जान गई है, उन सभी की उम्र 55 साल से ज्यादा थी. सरकार श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वो अपने स्वास्थ्य परीक्षण और डॉक्टर की सलाह के बाद ही चारधाम यात्रा पर आए. वैसे सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा मार्ग पर जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए है, जहां श्रद्धालु इमरजेंसी में दिखा सकते है.

बता दें कि शुक्रवार दो दिल्ली से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ने चारधाम यात्रा को लेकर अधिकारियों के साथ वर्चुअली बैठक की है. बैठक में सीएम धामी ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की है और अधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश भी दिए. सीएम धामी के बैठक के बाद गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में थोड़ी दिक्कतें आई थी, लेकिन अभी सारी व्यवस्थाएं पटरी पर आ चुकी है.

चारधाम रजिस्ट्रेशन को लेकर ढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक है. हालांकि जो यात्री पिछले 6-7 दिनों से ऋषिकेश और हरिद्वार में फंसे हुए है, उनकों धीरे-धीरे चारधाम भेजने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर सीएम धामी ने निर्देश दिए है. अभीतक 9 लाख 64 हजार 302 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके है.

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देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 इस समय अपने पूरे चरम पर है. एक तरफ जहां चारधाम में बढ़ती भीड़ सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौतों के आंकड़ों ने भी सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. शुक्रवार 24 मई को उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आए तीन और श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. तीनों श्रद्धालुओं की मौत बदरीनाथ धाम में हुई है. इन तीनों मौतों के बाद चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा बढ़कर 52 हो गया.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की जान गई: यमुनोत्री-गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही दस मई को उत्तराखंड चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी. वहीं 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे. इन 15 दिनों के अंदर उत्तराखंड चारधाम यात्रा में 52 श्रद्धालु अपनी जाव गंवा चुके है. सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हुई है.

गंगोत्री धाम में सबसे कम मौत: उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो केदारनाथ धाम में बीते 15 दिनों के अंदर 23 श्रद्धालुओं की मौत हुई हैं. केदारनाथ धाम के बाद यमुनोत्री धाम में भी बीते 15 दिनों के अंदर 12 श्रद्धालुओं की जान गई है. वहीं बदरीनाथ धाम की बात की जाए तो यहां बीते 12 दिनों में 14 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है. सबसे कम गंगोत्री धाम में तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई.

अधिकाशं मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया जा रहा है. कुछ श्रद्धालुओं की मौत अन्य बीमारियों के कारण भी हुई है. चारधाम यात्रा में जिन लोगों की जान गई है, उन सभी की उम्र 55 साल से ज्यादा थी. सरकार श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वो अपने स्वास्थ्य परीक्षण और डॉक्टर की सलाह के बाद ही चारधाम यात्रा पर आए. वैसे सरकार की तरफ से चारधाम यात्रा मार्ग पर जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए है, जहां श्रद्धालु इमरजेंसी में दिखा सकते है.

बता दें कि शुक्रवार दो दिल्ली से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ने चारधाम यात्रा को लेकर अधिकारियों के साथ वर्चुअली बैठक की है. बैठक में सीएम धामी ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की है और अधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश भी दिए. सीएम धामी के बैठक के बाद गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में थोड़ी दिक्कतें आई थी, लेकिन अभी सारी व्यवस्थाएं पटरी पर आ चुकी है.

चारधाम रजिस्ट्रेशन को लेकर ढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक है. हालांकि जो यात्री पिछले 6-7 दिनों से ऋषिकेश और हरिद्वार में फंसे हुए है, उनकों धीरे-धीरे चारधाम भेजने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर सीएम धामी ने निर्देश दिए है. अभीतक 9 लाख 64 हजार 302 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके है.

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