कानपुर: महिला का घर जलाने के मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी सहित 5 अन्य आरोपियों को शुक्रवार को सजा सुना दी गई. सभी को 7 साल कैद और 30 हजार 500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को 3 जून को दोषी करार दिया था. जाजमऊ में आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी, भाई रिजवान सोलंकी, शौकत अली, मो. शरीफ, इसराइल आटे वाला को कोर्ट ने दोषी माना. अब 7 साल की सजा और 30 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है.
2022 में महिला ने लगाया था घर जलाने का आरोप
सीसामऊ क्षेत्र से सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत उनके छोटे भाई रिजवान सोलंकी, शौकत अली, मो. शरीफ और इसराइल आटे वाला पर इरफान की पड़ोसी नजीर फातिमा ने प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से आगजनी करने का आरोप लगाया था. 08 नवंबर 2022 की घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी फर्जी आधार कार्ड बनवाकर फरार हो गए थे. बाद में आत्मसमर्पण करने के बाद दो सालों से विधायक महराजगंज जेल में बंद हैं. जबकि अन्य आरोपी कानपुर जेल में कैद हैं. आगजनी की घटना में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शहर के कई थानों में सपा विधायक के खिलाफ 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.
फैसले की लगाई थी गुहार
आगजनी मामले में 10 तारीखों में फैसला टलने के बाद नजीर फातिमा ने बीते सप्ताह हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर जल्द फैसला सुनाने की गुहार लगाई थी. इसके बाद लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले देर रात कोर्ट की कार्रवाई शुरू हुई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने आगजनी मामले में दोषी करार दिया. जबकि सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करार किया गया.
चली जाएगी विधायकी
इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक हैं. 7 साल की सजा होने के बाद अब उनकी विधायकी चली जाएगी. कानून के मुताबिक, किसी भी जनप्रतिनिधि को 2 साल से ज्यादा सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है. इसके साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है. अब इरफान सोलंकी की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाएगी. ऐसे में सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव होना तय है.
बता दें कि इससे पहले 3 जून को दोषी करार देने के बाद इरफान के समर्थकों ने परिवार वालों के साथ कोर्ट परिसर में हंगामा किया था. कोर्ट में इरफान की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी. तब सपा विधायक इरफान सोलंकी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने कहा था कि पिछले करीब तीन माह से फैसला टल रहा था. बहस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 10 बार कहा गया कि फैसला आएगा. लेकिन निर्णय नहीं सुनाया जा सका.
पुलिस की कार्यशैली पर भड़के थे इरफान
4 अप्रैल को पेशी के दौरान सपा विधायक इरफान सोलंकी जब कानपुर एमपी एमएलए कोर्ट से बाहर निकल रहे ते तो वे चिल्ला रहे थे- जानवर, जानवर, जानवर... जानवर. आमतौर पर पेशी के दौरान मुस्कुराता चेहरा लेकर आने वाले सपा विधायक बहुत अधिक खफा थे. सपा विधायक ने पुलिस पर आरोप लगाया और कहा- जाकर पूछिए पुलिस कमिश्नर से. क्या मेरा एनकाउंटर कराने के लिए मुझे दो घण्टे तक पुलिस लाइन में रखा गया? क्या मुझे अटैक आया था, जो पुलिस लाइन ले गए थे? मुझे दो घण्टे तक पुलिस लाइन में सूनसान जगह पर क्यों ले जाया गया? मैं यहां जब न्यायपालिका के सम्मान में आया था तो मुझे पुलिस की कस्टडी में क्यों रखा गया? आक्रोशित होकर ये बातें कहते हुए सपा विधायक इरफान सोलंकी कानपुर से महाराजगंज जेल चले गए. सपा विधायक कानपुर कोर्ट में पुलिस के रवैये को देखते हुए रोये भी.