नई दिल्लीः दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है. AAP के पांच पार्षद पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं. यह विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका माना जा रहा है. AAP छोड़ने वालों में वार्ड नंबर-28 के पार्षद राम चंद्र, वार्ड नंबर-30 के पार्षद पवन सहरावत, वार्ड नंबर-180 की पार्षद मंजू निर्मल, वार्ड नंबर-177 की पार्षद ममता पवन और वार्ड नंबर-178 की पार्षद सुगंधा बिधूड़ी शामिल हैं.
रामचंद्र आम आदमी पार्टी के बवाना से पूर्व विधायक रह चुके हैं और वह मौजूदा वार्ड नंबर 28 से पार्षद है. बताया जा रहा है कि पार्षदों के टूटने में पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद की अहम भूमिका है. इस दौरान दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "ये पांचों पार्षद भाजपा में शामिल हुए हैं क्योंकि वे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और काम न करने के रवैये से तंग आ चुके हैं. इन सभी की एक ही राय है कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी सबको साथ लेकर चल रहे हैं, उसी तरह वे भी दिल्ली में अपने लोगों के लिए ऐसा ही काम करना चाहते हैं. हम सभी का स्वागत करते हैं." इस मौके पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, भाजपा नेता अरविंद सिंह लवली, बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चंदोलिया मौजूद थे.
#WATCH दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, " ये पांचों पार्षद भाजपा में शामिल हुए हैं क्योंकि वे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार और काम न करने के रवैये से तंग आ चुके हैं। इन सभी की एक ही राय है कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी सबको साथ लेकर चल रहे हैं, उसी तरह वे भी दिल्ली में… https://t.co/oZnjPgu6Vx pic.twitter.com/TwhKupYHIW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 25, 2024
"देश में डर का माहौल है. बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी नतमस्तक हैं, तो ऐसे में निगम पार्षदों का क्या है?" -सौरभ भारद्वाज, AAP लीडर
MCD में दलीय स्थिति समझिएः दिसंबर 2022 में दिल्ली नगर निगम के 250 सीटों पर चुनाव हुआ था. इसमें से 134 सीट जीतकर आम आदमी पार्टी ने निगम की सत्ता पर कब्जा किया था. बहुमत के लिए 125 पार्षद चाहिए. उस वक्त बीजेपी को 104 सीटें मिली थी और कांग्रेस को सिर्फ 9 सीट. 3 सीटें अन्य के खाते में गई थी.
फिलहाल स्थिति यह है कि कांग्रेस का एक पार्षद भाजपा में शामिल हो गया है. इससे पहले भी AAP का एक पार्षद भाजपा में गया था. आज यानी रविवार को AAP के पांच पार्षद फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं. इससे कारण AAP के पास अभी 128 और भाजपा के पास 111 पार्षद हो गए हैं.
इससे इतर सदन में बीजेपी के पास 10 एल्डरमैन हैं और 7 लोकसभा सांसद और 1 दिल्ली विधानसभा से मनोनीत सदस्य विधायक भी हैं. आम आदमी पार्टी के पास विधानसभा से मनोनीत 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद हैं. सब जोड़ दिया जाए तब भाजपा के पास 129 वोट हुए और AAP के पास 144. यानी इस तोड़फोड़ का फिलहाल MCD पर AAP की सत्ता को चुनौती मिलती नहीं दिख रही है.
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