नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में लगभग 44 फीसदी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में देरी हो रही है. यह प्रोजेक्ट मार्च 2024 तक निर्माणाधीन थे और इनमें से प्रत्येक की लागत कम से कम 150 करोड़ रुपये है.
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद मोहम्मद नदीमुल हक के एक सवाल के जवाब में, गडकरी ने खुलासा किया कि 952 में से 419 परियोजनाएं मार्च 2024 तक अपनी मूल समय सीमा तक पूरी नहीं सकीं. इन परियोजनाओं के विभिन्न चरणों में देरी हुई.
101 में से 59 परियोजनाएं तय समय से पीछे
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में परियोजनाएं पूरी होने में सबसे ज्यादा देरी से चल रही हैं, जहां 101 में से 59 परियोजनाएं तय समय से पीछे चल रही हैं. हालांकि, आनुपातिक रूप से पूर्वोत्तर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इन संख्याओं में वे परियोजनाएं शामिल नहीं हैं जिन्हें समाप्त या बंद करने पर विचार किया गया है.
परियोजनाओं के काम में क्यों हुई देरी?
मंत्री ने देरी के लिए कई मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें भूमि अधिग्रहण में अड़चनें, वैधानिक मंजूरी और क्लीयरेंस प्राप्त करने में देरी, यूटिलिटी शिफ्टिंग, अतिक्रमण हटाना और कानून और व्यवस्था के मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने ठेकेदारों के खराब प्रदर्शन और महामारी, भारी बारिश, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी अप्रत्याशित घटनाओं जैसे फैक्टर का भी उल्लेख किया, जिससे कुछ देरी हुई.
उन्होंने बताया कि ठेकेदारों के कारण नहीं होने वाली देरी के लिए सरकार परियोजना के पूरा होने और बिलों के निपटान के बाद निर्धारित मूल्य वृद्धि की फाइनल वैल्यू के आधार पर निर्धारित सूत्र के अनुसार मूल्य वृद्धि का भुगतान करती है. उन्होंने कहा कि अगर देरी उनकी गलती से होती है तो ठेकेदारों को दंडित किया जाता है.
हालांकि, गडकरी ने इन देरी से जुड़ी लागत में वृद्धि के बारे में कोई स्पेसिफिक आंकड़े नहीं दिए, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी देरी के परिणामस्वरूप अतिरिक्त लागत नहीं आती है. उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और यूटिलिटी शिफ्टिंग प्रोसेस को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ काम कर रहा है।.
बिहार से जनता दल यूनाइटेड (JDU) विधायक संजय कुमार झा के एक अन्य सवाल का उत्तर देते हुए गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने बड़ी कमियों के साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने या अनुबंध संबंधी दायित्वों के उल्लंघन के लिए 29 कंस्लटेंट फर्मों और 516 व्यक्तियों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है.