गिरिडीहः बेहतर रोजगार की तलाश में कैमरून जाकर फंस गए झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 27 श्रमिक अंततः झारखंड पहुंच ही गए. बुधवार की सुबह सभी श्रमिक गिरिडीह के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर उतरे. सभी श्रमिक मुंबई मेल से वापस आए. इन श्रमिकों का स्वागत श्रम सचिव मुकेश कुमार, श्रम आयुक्त के अलावा गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने किया. श्रमिकों के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद सभी को माला पहनाया गया और फिर सुरक्षित डुमरी में ही आराम करने की जगह दी गई है. बुधवार को ही डुमरी में मंत्री बेबी देवी की मौजूदगी में कार्यक्रम होगा.
मुख्यमंत्री ने संजीदगी से की मॉनिटरिंग: सचिव
इधर श्रम सचिव मुकेश कुमार ने बताया कि जैसे ही इन श्रमिकों का वीडियो श्रम विभाग को मिला तो तुरंत ही सतर्कता से कदम उठाया जाने लगा. मुख्यमंत्री खुद ही इस पूरे मामले का मॉनिटरिंग करते रहे. वहीं विदेश मंत्रालय, जिन कंपनियों द्वारा श्रमिकों को काम पर रखा गया था, उनके प्रतिनिधियों से भी लगातार बात की गई.
सरकार और विभाग के स्तर से लगातार फॉलो किया गया. इसका परिणाम है कि सभी श्रमिक सकुशल वापस आ गए. उन्होंने कहा कि दूसरे देश से वापसी के मामले में बहुत लंबा वक्त लग जाता है लेकिन राज्य सरकार की दृढ़ इच्छा ही रही कि विदेश से ये लोग सकुशल वापस आ सके. इन सबों से मंत्री मिलेंगी और उन्हें 25 हजार की राशि सभी श्रमिकों को दी जाएगी.
10 लाख से ज्यादा निबंधित मजदूर
श्रम सचिव ने बताया कि मजदूरों के निबंधन का काम लगातार चल रहा है. अभी तक 10 लाख से ज्यादा मजदूर निबंधित हो चुके हैं. इनकी आधार शिडिंग का काम लगातार चल रहा है.
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