अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में इस वर्ष होने वाले दीपोत्सव में नए रिकॉर्ड की तैयारी है. राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों से वर्ल्ड रिकार्ड बनाए जाने के लिए 7000 वॉलिंटियर लगाए जाएंगे. इसके साथ ही इस बार सरयू घाट पर भी आरती का नया रिकॉर्ड बनेगा. जिसमें 1100 संत धर्माचार्य व समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों के द्वारा आरती का आयोजन किया जाएगा.
योगी सरकार दीपावली के अवसर पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्यता के नए प्रतिमान स्थापित करने जा रही है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के स्थापित होने के बाद इस पहले दीपोत्सव में 7 मैकेनाइज्ड टैबल्यू, कोरियोग्राफ्ड एरियल ग्रीन फायरक्रैकर शो समेत विभिन्न प्रकार के आकर्षणों को शामिल किया जाएगा.
इस साल योगी सरकार 25 लाख दीयों से अयोध्या को जगमग करने की तैयारी कर रही है. साथ ही अयोध्या के अंदर 500 स्थानों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स के माध्यम से सजाया जाएगा. प्रभु श्रीराम से जुड़े 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशंस को भी स्थापित करने में वरीयता दी जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 28 से 31 अक्टूबर 2024 के मध्य भव्य दीपोत्सव 2024 कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है. पर्यटन विभाग द्वारा अयोध्या शहर को सुंदर बनाने, सरयू नदी के घाटों पर मिट्टी के दीये जलाने, नदी के तट को सजाने, कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन और अन्य उत्सव आयोजित करने की कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है.
दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन होगा, जिसमें राम रथ समेत 7 बड़े मैकेनाइज्ड टैब्ल्यू को भी शोकेस किया जाएगा. अयोध्या के 500 से ज्यादा प्रमुख स्थलों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स से सजाया जाएगा. इसके अतिरिक्त 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशंस की भी अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रम के दृष्टिगल स्थापना की जाएगी.
पूर्णिमा पर 6 लाख श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई डुबकी : राम नगरी अयोध्या में एक माह से चल रहा सावन झूला समाप्त हो गया. मंगलवार से गर्भगृह में रामलला का दर्शन हो रहा है. सावन शुक्ल पूर्णिमा पर 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान कर मठ मंदिरों में दर्शन पूजन किया है. अयोध्या में बीते 12 दिनों से मंदिरों में होने वाला झूलनोत्सव पूर्णिमा को धार्मिक अनुष्ठान के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समाप्त हो गया. जहां राम मंदिर, कनक भवन, रामालला सदन, लाल साहब दरबार समेत अन्य सभी मंदिरों में झूले पर भगवान को विराजमान कराया गया.