रांची: भारत में खिलाफत घोषित करने और गंभीर आतंकी साजिश रचने को लेकर दिल्ली पुलिस, झारखंड एटीएस और भारत सरकार की केंद्रीय एजेंसियों ने अलकायदा के जिस मॉड्यूल को बर्स्ट किया है, उस मॉड्यूल को तैयार करने में डॉक्टर, शिक्षक और पंचर बनाने वाले तक शामिल थे. एजेंसी की जांच में अलकायदा के इस मॉड्यूल को लेकर कई गंभीर खुलासे हुए हैं.
डॉक्टर का प्लान, बाकी बने हिस्सा
झारखंड के कुछ युवा अल-कायदा से प्रेरित होकर झारखंड में ही एक आतंकी गुट बनाने की राह पर चल पड़े थे. जिसकी पहल एक एमबीबीएस डॉक्टर यानी डॉक्टर इश्तियाक अहमद ने शुरू की थी. डॉक्टर इश्तियाक के यहां से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उसके अंतरराष्ट्रीय लिंक होने की गवाही दे रहे हैं जिसकी जांच फिलहाल चल रही है.
एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर इश्तियाक अहमद ने ही सबसे पहले रांची के चान्हो थाना क्षेत्र के रहने वाले मदरसा के शिक्षक मुफ्ती रहमतुल्लाह मजहिरी से सम्पर्क किया और तहरीर के दौरान युवाओं को संगठन से जोड़ने को कहा. मुफ्ती रहमतुल्लाह ने इस काम को बखूबी आगे बढ़ाया. शायद यही वजह है कि अलकायदा के झारखंड मॉड्यूल में पकड़े गए सबसे ज्यादा संदिग्ध आतंकी रांची के चान्हो के ही हैं.
डॉक्टर को छोड़ सभी गरीब तबके के
अलकायदा से जुड़े लिंक मामले में अब तक जो जानकारी मिल रही है कल 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. सबसे हैरानी की बात है कि सभी झारखंड के रहने वाले हैं. गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों में कोई नंबर प्लेट लगाने का काम करता था तो कोई पंचर बनाने का.
कौन क्या करता था
इश्तियाक अहमद, बरियातू रांची, काम- डॉक्टर
इश्तियाक मूलरूप से झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला है. रांची के मेडिका अस्पताल में वह रेडियोलॉजी विभाग में काम करता था. इसके अलावा हजारीबाग में भी उसका अपना क्लीनिक है. बताया जा रहा है कि हजारीबाग आने जाने के क्रम में ही उसने फैजान अहमद को संगठन से जोड़ा था. डॉक्टर रांची के जोड़ा तालाब स्थित अल हसन रेसिडेंसी में रहता है. इश्तियाक ने रांची के रिम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की है.
रिजवान बाबर- चान्हो, रांची, काम- नम्बर प्लेट बनाना
झारखंड एटीएस की सहायता से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रांची के चान्हो थाना क्षेत्र के बलसोकरा के रहने वाले रिजवान बाबर को भी गिरफ्तार किया है. एक मासूम बेटी का बाप रिजवान बाबर नंबर प्लेट बनाने का काम किया करता था.
मतिउर रहमान- चान्हो, रांची, काम- कपड़ा बेचना
झारखंड एटीएस के द्वारा पकड़े गए चान्हो के ही मतिउर रहमान बुजुपाड़ा चौक पर कपड़े की दुकान चलाता था. जानकारी के अनुसार वह अक्सर तहरीर के लिए जाता था. इसी दौरान उसका संपर्क अलकायदा के संदिग्धों से हुआ.
अल्ताफ अंसारी - लोहरदगा ,काम - ऑटो ड्राइवर
झारखंड के रहने वाले अलकायदा संदिग्धों में सबसे प्रमुख नाम अल्ताफ अंसारी का है. अल्ताफ अंसारी झारखंड के लोहरदगा का रहने वाला है और वह पेशे से ऑटो ड्राइवर था. अल्ताफ के घर से ही हथियार भी बरामद किए गए हैं.
मुफ्ती रहमतुल्लाह- चान्हो, रांची, काम- मदरसा शिक्षक
झारखंड एटीएस की टीम ने रांची के चान्हो से ही मदरसा के शिक्षक मुफ्ती रहमतुल्लाह को गिरफ्तार किया है. मुफ्ती के पिता सब्जी के कारोबारी हैं. वहीं मुफ़्ती ने यूपी के सहारनपुर से पढ़ाई कर अपने गांव में ही जमियातुल मोहसिनातनामक मदरसा चलता था.
कौन कहां से हुआ गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से मिली जानकारी के अनुसार अब तक अलकायदा के झारखंड मॉड्यूल से जुड़े 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें से अधिकांश झारखंड के ही है. सबसे ज्यादा गिरफ्तारी रांची के चान्हो इलाके में रहने वाले संदिग्धों की हुई है. रांची से गिरफ्तार होने वालों में डॉक्टर इश्तियाक अहमद, मोतीउर रहमान, रिजवान बाबर और मुफ्ती रहमतुल्लाह. हजारीबाग से गिरफ्तार होने वाले में फैजान अहमद का नाम शामिल है.
वहीं, राजस्थान से जिन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें लोहरदगा के रहने वाले अल्ताफ अंसारी, रांची के इनामुल अंसारी, शाहबाज अंसारी शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान से ही अरशद खान, हसन और उमर फारूक को भी गिरफ्तार किया गया है यह तीनों भी झारखंड के ही रहने वाले हैं.
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