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15 नक्सलियों ने एक साथ किया सरेंडर, लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता - Naxalites surrender in Jharkhand

Naxalites surrender in Jharkhand. झारखंड में 15 नक्सलियों ने एक साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सभी हार्डकोर नक्सली मिसिर बेसरा दस्ते के सक्रिय सदस्य हैं.

Naxalites surrender in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 11, 2024, 12:59 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 7:46 PM IST

रांची: नक्सलवाद के खिलाफ झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कोल्हान और चाईबासा के सारंडा में सक्रिय 15 नक्सलियों ने एक साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया है. आत्मसमर्पण करने वाले सभी एक करोड़ रुपये के इनामी मिसिर बेसरा दस्ते के नक्सली हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान हार्डकोर नक्सलियों का सरेंडर करना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. पुलिस सूत्रों ने एक साथ 15 नक्सलियों के आत्मसमर्पण की पुष्टि की है. हालांकि, किन-किन नक्सलियों ने सरेंडर किया है और किस हथियार के साथ सरेंडर किया है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

कोल्हान में नक्सलियों को बड़ा झटका

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड के चाईबासा जिले के कोल्हान और सारंडा के जंगलों में सक्रिय 15 नक्सलियों ने एक साथ पुलिस के सामने हथियार डाल दिये हैं. चाईबासा पुलिस से सभी 15 नक्सलियों ने संपर्क किया था कि वे जंगल की दुनिया छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. पुलिस पर भरोसा कर सभी 15 लोग जंगल से बाहर आ गये और हथियार डाल दिये.

जल्द कराया जाएगा विधिवत समर्पण

जानकारी के मुताबिक, सरेंडर करने वाले सभी 15 नक्सली दस्ते के सदस्य हैं. सभी 15 मिसिर बेसरा के दस्ते में सक्रिय थे. जल्द ही सभी को झारखंड पुलिस अधिकारियों के समक्ष विधिवत रूप से आत्मसमर्पण कराया जायेगा.

विगत वर्ष से लगातार कोल्हान के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही बूढ़ा पहाड़, बुलबुल जंगल, खूंटी, चाईबासा और सरायकेला खरसावां के ट्राई जंक्शन क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद सुरक्षा बलों का फोकस पश्चिम सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में है.

जानकारी अनुसार सभी बड़े नक्सली कोल्हान और सारंडा के जंगल क्षेत्र में छिपे हुए हैं. पुलिस 10 अक्टूबर 2023 से लगातार उनकी घेराबंदी की जा रही है. हालांकि झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के प्रभाव वाले कई गांव को मुक्त कराने में सफलता मिली है.

मिसिर को बड़ा झटका

गौरतलब है कि झारखंड में सारंडा और कोल्हान ही ऐसे इलाके हैं, जहां भाकपा माओवादियों की कुछ ताकत बची है, लेकिन एक साथ 15 नक्सली कैडरों के सरेंडर से कोल्हान में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है.

यह भी पढ़ें: टीएसपीसी के इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, एक माओवादी गिरफ्तार

यह भी पढ़ें: लातेहार में दो बड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने किया सम्मानित

यह भी पढ़ें: दो साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी को पुलिस ने फिर किया गिरफ्तार, जानिए इसके पीछे की बड़ी वजह

रांची: नक्सलवाद के खिलाफ झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कोल्हान और चाईबासा के सारंडा में सक्रिय 15 नक्सलियों ने एक साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया है. आत्मसमर्पण करने वाले सभी एक करोड़ रुपये के इनामी मिसिर बेसरा दस्ते के नक्सली हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान हार्डकोर नक्सलियों का सरेंडर करना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. पुलिस सूत्रों ने एक साथ 15 नक्सलियों के आत्मसमर्पण की पुष्टि की है. हालांकि, किन-किन नक्सलियों ने सरेंडर किया है और किस हथियार के साथ सरेंडर किया है, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

कोल्हान में नक्सलियों को बड़ा झटका

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड के चाईबासा जिले के कोल्हान और सारंडा के जंगलों में सक्रिय 15 नक्सलियों ने एक साथ पुलिस के सामने हथियार डाल दिये हैं. चाईबासा पुलिस से सभी 15 नक्सलियों ने संपर्क किया था कि वे जंगल की दुनिया छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. पुलिस पर भरोसा कर सभी 15 लोग जंगल से बाहर आ गये और हथियार डाल दिये.

जल्द कराया जाएगा विधिवत समर्पण

जानकारी के मुताबिक, सरेंडर करने वाले सभी 15 नक्सली दस्ते के सदस्य हैं. सभी 15 मिसिर बेसरा के दस्ते में सक्रिय थे. जल्द ही सभी को झारखंड पुलिस अधिकारियों के समक्ष विधिवत रूप से आत्मसमर्पण कराया जायेगा.

विगत वर्ष से लगातार कोल्हान के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही बूढ़ा पहाड़, बुलबुल जंगल, खूंटी, चाईबासा और सरायकेला खरसावां के ट्राई जंक्शन क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद सुरक्षा बलों का फोकस पश्चिम सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में है.

जानकारी अनुसार सभी बड़े नक्सली कोल्हान और सारंडा के जंगल क्षेत्र में छिपे हुए हैं. पुलिस 10 अक्टूबर 2023 से लगातार उनकी घेराबंदी की जा रही है. हालांकि झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के प्रभाव वाले कई गांव को मुक्त कराने में सफलता मिली है.

मिसिर को बड़ा झटका

गौरतलब है कि झारखंड में सारंडा और कोल्हान ही ऐसे इलाके हैं, जहां भाकपा माओवादियों की कुछ ताकत बची है, लेकिन एक साथ 15 नक्सली कैडरों के सरेंडर से कोल्हान में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है.

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Last Updated : Apr 11, 2024, 7:46 PM IST
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