श्रीनगर (उत्तराखंड) : एसएसबी यानी सशस्त्र सीमा बल के केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र श्रीनगर में आज बुनियादी प्रशिक्षण कोर्स का दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान एसएसबी आईजी (इंटेलिजेंस) छेरिंग दोरजाई ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और परेड की सलामी ली. इस दीक्षांत समारोह के बाद एसएसबी को 119 जांबाज जवान मिल गए हैं. अब ये जवान भारत नेपाल और भूटान सीमा की सुरक्षा में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे.
एसएसबी सीटीसी श्रीनगर यानी केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल श्रीनगर में आज प्रथम बुनियादी प्रशिक्षण कोर्स का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. जिसमें एसएसबी के आईजी इंटेलिजेंस छेरिंग दोरजाई शामिल हुए. उन्होंने पास आउट सैन्यकर्मियों की परेड का मुआयना किया और परेड की सलामी ली. इस दौरान उन्होंने सभी जवानों को देश की एकता अखंडता की शपथ भी दिलाई.
पास आउट सैन्यकर्मियों की संख्या: इस दीक्षांत परेड में उत्तर प्रदेश से 49, बिहार से 31, राजस्थान से 31, हिमाचल प्रदेश से 2, हरियाणा से 2, मध्य प्रदेश से 2, जम्मू एवं कश्मीर से 1 और पश्चिम बंगाल से 1 कुल 119 आरक्षी गहन प्रशिक्षण पूरा कर सशस्त्र सीमा बल के सिपाही बन गए. जो आज से राष्ट्र सुरक्षा का कार्य करने के लिए समर्पित हो गए. आज पास आउट हुए इस बैच में 2 स्नातकोत्तर डिग्री धारक और 92 स्नातक डिग्री धारक सिपाही शामिल रहे.
नीरज कुमार को मिला बेस्ट आरक्षी प्रशिक्षु का खिताब: आज आयोजित दीक्षांत समारोह में नीरज कुमार निवासी उत्तर प्रदेश को बेस्ट आरक्षी प्रशिक्षु का खिताब दिया गया. जबकि, सर्वोत्तम फायरर के रूप में आरक्षी प्रशिक्षु मुकेश कुमार सुंडा निवासी राजस्थान चुने गए. वहीं, कोर्स के दौरान सौरव यादव निवासी उत्तर प्रदेश ने सर्वोत्तम प्रशिक्षु खेल एवं शारीरिक दक्षता का खिताब अपने नाम किया. इन्हें आईजी आसूचना छेरिंग दोरजाई ने सम्मानित किया.
इस दौरान एसएसबी आईजी आसूचना छेरिंग दोरजाई ने कहा कि आज भारत-नेपाल-भूटान सीमाओं की सुरक्षा के लिए 119 सैन्य कर्मी मिले हैं. जो इन दोनों देशों की सीमाओं की रक्षा का जिम्मा संभालेंगे. उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच रोटी-बेटी जैसा संबंध है. आज भी रिश्ते अच्छे हैं, सीमा पर कोई भी विवाद नहीं है. एसएसबी शांतिपूर्वक इन दोनों देशों की रक्षा की जिम्मेदारी अच्छे से संभालते आ रहे हैं और आगे भी संभालते रहेंगे.
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