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मानसून सीजन में पुलों के टूटने का सिलसिला जारी, उत्तराखंड में अब भी हाई रिस्क पर 11 मोटर ब्रिज - High Risk Bridge in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 19, 2024, 7:15 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 7:21 PM IST

High Risk Zone Bridge in Uttarakhand, Uttarakhand dilapidated bridges report, Dilapidated bridge in Uttarakhand उत्तराखंड में इस वक्त 11 मोटर ब्रिज हाई रिस्क जोन में हैं. इसके बाद भी इन मोटर ब्रिज पर ट्रैफिक नहीं रोका गया है.

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उत्तराखंड में अब भी हाई रिस्क पर 11 मोटर ब्रिज (ETV Bharat)
उत्तराखंड में अब भी हाई रिस्क पर 11 मोटर ब्रिज (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में इस समय मानसून सीजन चल रहा है. इस बीच लैंडस्लाइड, सड़क, पुल टूटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. बीते रोज उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज टूट गया. जिसके बाद एक बार फिर से पुलों के निर्माणकार्य, गुणवत्ता के साथ ही इस तरह की घटनाओं की चर्चा होने लगी है. अभी तक के ऑडिट में पाए गए 91 पुलों में 51 पुलों की हालत सुधर चुकी है. उत्तराखंड में 11 मोटर ब्रिज आज भी हाई रिस्क पर हैं. जिसके बाद भी इन ब्रिजेज पर ट्रैफिक दौड़ रहा है.

उत्तराखंड में बेहद डेंजर मोटर पुल: उत्तराखंड में अगर जर्जर पुलों की बात करें तो यह 11 पुल थराली, टिहरी, नरेंद्रनगर, देहरादून में 2, रुड़की, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, पोखरी, पिथौरागढ़ और चकराता में मौजूद हैं.

इन डेंजर पुल पर चल रहा काम: वर्ल्ड बैंक के तहत गोपेश्वर के तीन पुलों के अलावा, घनसाली, पौड़ी, श्रीनगर, पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मैं मौजूद जर्जर पुलों को वर्ल्ड बैंक के माध्यम से ठीक करने का काम चल रहा है. लोकनिर्माण विभाग खुद लोहाघाट में 2 पुल , खटीमा में 2 पुल, नैनीताल, ऊखीमठ, थात्युड़, दुगड्डा, बैजरों, देहरादून में 3 पुल, ऋषिकेश में 4 पुल, हरिद्वार, रुड़की, लक्सर और हल्द्वानी में जर्जर पुलों की मरम्मत करने का काम कर रहा है.

ये पुल हुए खतरे की श्रेणी से बाहर: पिछले एक साल में लोक निर्माण विभाग ने 91 जर्जर पुलों पर काम करना शुरू किया. इसके बाद 51 पुलों को असुरक्षित श्रेणी से बाहर लाया गया है. ये पुल कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, थराली, पोखरी, गुप्तकाशी, घनसाली, कीर्तिनगर, नरेंद्र नगर, पौड़ी, दुगड्डा, लैंसडाउन, पौबौ, श्रीनगर, बड़कोट, खटीमा, रानीखेत, कपटकोट, डोईवाला, देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में हैं.

जर्जर पुलों पर नहीं रोका गया ट्रैफिक: इस पूरे मामले पर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन से बात की गई. उन्होंने बताया प्रदेश भर के पुलों को लेकर लोक निर्माण विभाग ने सेफ्टी ऑडिट करवाया गया है. इसी सेफ्टी ऑडिट के अकॉर्डिंग से इन मोटर ब्रिज पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया जहां मोटर ब्रिज को मरम्मत की जरूरत है वहां पर उस तरह से कार्रवाई की जाएगी. जहां पर पूरी तरह से जर्जर हालत हैं वहां पर नए पुल बनाने की प्रक्रिया जारी है. प्रदेश में इस वक्त बेहद हाई रिस्क पर मौजूद जर्जर मोटर ब्रिज पर ट्रैफिक के स्टेटस को लेकर लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष डीके यादव से बात की गई. उन्होंने बताया अभी फिलहाल किसी भी ब्रिज पर ट्रैफिक नहीं रोका गया है. अगर स्थानीय स्तर पर इस तरह की सूचना मिलती है तो ट्रैफिक रोकने पर विचार किया जा सकता है.

पढे़ं-उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बड़ा हादसा, नरकोटा में बन रहा प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज टूटा, जांच के आदेश - Signature Bridge collapsed

पढे़ं- उत्तराखंड में 'मूसलाधार' मुसीबत, रामनगर में बारिश ने मचाया तांडव, टूटा प​नियाली पुल, आवाजाही ठप - bridge collapsed in ramnagar

उत्तराखंड में अब भी हाई रिस्क पर 11 मोटर ब्रिज (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में इस समय मानसून सीजन चल रहा है. इस बीच लैंडस्लाइड, सड़क, पुल टूटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. बीते रोज उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज टूट गया. जिसके बाद एक बार फिर से पुलों के निर्माणकार्य, गुणवत्ता के साथ ही इस तरह की घटनाओं की चर्चा होने लगी है. अभी तक के ऑडिट में पाए गए 91 पुलों में 51 पुलों की हालत सुधर चुकी है. उत्तराखंड में 11 मोटर ब्रिज आज भी हाई रिस्क पर हैं. जिसके बाद भी इन ब्रिजेज पर ट्रैफिक दौड़ रहा है.

उत्तराखंड में बेहद डेंजर मोटर पुल: उत्तराखंड में अगर जर्जर पुलों की बात करें तो यह 11 पुल थराली, टिहरी, नरेंद्रनगर, देहरादून में 2, रुड़की, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, पोखरी, पिथौरागढ़ और चकराता में मौजूद हैं.

इन डेंजर पुल पर चल रहा काम: वर्ल्ड बैंक के तहत गोपेश्वर के तीन पुलों के अलावा, घनसाली, पौड़ी, श्रीनगर, पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मैं मौजूद जर्जर पुलों को वर्ल्ड बैंक के माध्यम से ठीक करने का काम चल रहा है. लोकनिर्माण विभाग खुद लोहाघाट में 2 पुल , खटीमा में 2 पुल, नैनीताल, ऊखीमठ, थात्युड़, दुगड्डा, बैजरों, देहरादून में 3 पुल, ऋषिकेश में 4 पुल, हरिद्वार, रुड़की, लक्सर और हल्द्वानी में जर्जर पुलों की मरम्मत करने का काम कर रहा है.

ये पुल हुए खतरे की श्रेणी से बाहर: पिछले एक साल में लोक निर्माण विभाग ने 91 जर्जर पुलों पर काम करना शुरू किया. इसके बाद 51 पुलों को असुरक्षित श्रेणी से बाहर लाया गया है. ये पुल कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, थराली, पोखरी, गुप्तकाशी, घनसाली, कीर्तिनगर, नरेंद्र नगर, पौड़ी, दुगड्डा, लैंसडाउन, पौबौ, श्रीनगर, बड़कोट, खटीमा, रानीखेत, कपटकोट, डोईवाला, देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में हैं.

जर्जर पुलों पर नहीं रोका गया ट्रैफिक: इस पूरे मामले पर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन से बात की गई. उन्होंने बताया प्रदेश भर के पुलों को लेकर लोक निर्माण विभाग ने सेफ्टी ऑडिट करवाया गया है. इसी सेफ्टी ऑडिट के अकॉर्डिंग से इन मोटर ब्रिज पर काम चल रहा है. उन्होंने बताया जहां मोटर ब्रिज को मरम्मत की जरूरत है वहां पर उस तरह से कार्रवाई की जाएगी. जहां पर पूरी तरह से जर्जर हालत हैं वहां पर नए पुल बनाने की प्रक्रिया जारी है. प्रदेश में इस वक्त बेहद हाई रिस्क पर मौजूद जर्जर मोटर ब्रिज पर ट्रैफिक के स्टेटस को लेकर लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष डीके यादव से बात की गई. उन्होंने बताया अभी फिलहाल किसी भी ब्रिज पर ट्रैफिक नहीं रोका गया है. अगर स्थानीय स्तर पर इस तरह की सूचना मिलती है तो ट्रैफिक रोकने पर विचार किया जा सकता है.

पढे़ं-उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बड़ा हादसा, नरकोटा में बन रहा प्रदेश का पहला सिग्नेचर ब्रिज टूटा, जांच के आदेश - Signature Bridge collapsed

पढे़ं- उत्तराखंड में 'मूसलाधार' मुसीबत, रामनगर में बारिश ने मचाया तांडव, टूटा प​नियाली पुल, आवाजाही ठप - bridge collapsed in ramnagar

Last Updated : Jul 19, 2024, 7:21 PM IST
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