18 મેના રોજ PM આ રસ્તે કેદારનાથ ધામ દર્શને ગયા હતા. યાત્રા દરમિયાન PMએ આ ધામના માર્ગોની હાલત જોઇ હતી. તેમણે આવા માર્ગો પરથી લોકોને મંદિર તરફ જતા જોયા હતા. કેદારનાથ જવાનો જે રસ્તો ત ખુબ જ ભયજનક છે. જે યાત્રિકો ચાલીને જાય છે તેમના માટે આ માર્ગ ખુબ જ ભયજનક છે. તેમને પરેશાનીઓનો સામનો કરવો પડે છે. આવા રસ્તા પર યાત્રિકો ચાલતા હોય છે તો સાથે તેમની પાસે સમાન પણ હોય છે.
ત્યારે અમુક યાત્રિકોએ કહ્યું કે, મંદિર સુધી જે માર્ગ જાય છે, તે માર્ગને ઉચિત બનાવાની જરૂર છે. યાત્રા માર્ગ પર શેડ લગાવાની જરૂર છે. જેથી વરસાદ દરમિયાન યાત્રિકોને પરેશાની ના ભોગવી પડે.
Intro:Body:
https://www.etvbharat.com/hindi/delhi/bharat/bharat-news/critical-condition-of-kedarnath-yatra-marg/na20190619000627162
एक महीने पहले PM मोदी ने किया था दौरा, जानें केदारनाथ में पैदलमार्ग के वर्तमान हालात
नई दिल्ली/केदारनाथ: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इन दिनों अपने चरम पर है. चारधाम यात्रा ने इस बार पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम में पहुंचे है, लेकिन यहां पैदल मार्ग की स्थिति खाफी खराब है. जिस कारण 20 किमी की दूरी तय करने में श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने खुद केदारनाथ के पैदल मार्ग की जायजा लिया.
पीएम ने भी की केदारनाथ धाम की यात्राः
18 मई को पीएम मोदी ने भी केदारनाथ धाम की यात्रा की थी. यात्रा के दौरान पीएम ने भी धाम की सड़कों के हालात देखे. पीएम ने तंग एवं परेशानी भरे पैदल मार्गों से यात्रियों को मंदिर जाते देखा.
ईटीवी भारत की टीम ने जब यहां पड़ताल की तो स्थिति काफी खराब मिली. केदारनाथ का पैदल मार्ग हादसों को न्योता दे रहा है. पूरा पैदल मार्ग पथरीला है. साथ ही रास्ते पर जगह-जगह मलबा पड़ा हुआ है. वहीं ये मार्ग फिसलन भरा भी है.
पैदल यात्रियों की समस्याएं सिर्फ यही खत्म नहीं होती. इसके अलावा कई और परेशानियों भी हैं. पथरीले मार्ग पर जहां एक तरफ श्रद्धालु पैदल चलते हैं वहीं दूसरी तरफ यात्रियों और सामान को ले जाने वाले घोड़े, खच्चर, डोली और कंडिया भी इसी पैदल मार्ग से गुजरती हैं. जिसकी वजह से इस फिसलन भरे रास्ते पर चलना यात्रियों के लिए और अधिक मुश्किल भरा और खतरनाक हो जाता है.
पैदल मार्ग से बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे कुछ श्रद्धालुओं से जब हमने बात कि तो उनका कहना था कि पैदल मार्ग को और दुरुस्त करने की जरूरत है. घोड़े और खच्चरों के चलने के लिए अलग मार्ग बनाया जाना चाहिए. इसके अलावा यात्रा मार्ग में शेड लगाने की भी जरूरत है. ताकि बारिश के समय में यात्रियों को आसरा मिल सकें.
इसके अलावा कुछ और शिकायतें भी यात्रियों ने बताई हैं. उनका कहना है कि यात्रा मार्ग पर दुकानदार महंगे दामों पर सामान बेच रहे हैं. पानी की एक बोतल जो बाजार में 20 रुपए की बेची जाती है वो यात्रा मार्ग पर 40 रुपए की दी जा रही है.
Conclusion: