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INX મીડિયા કૌભાંડઃ ચિદમ્બરમ 24 ઓક્ટોબર સુધી EDની કસ્ટડીમાં

નવી દિલ્હીઃ પી ચિદમ્બરમને INX મીડિયા કૌભાંડમાં CBI સાથે સંકળાયેલા કેસમાં 21 ઓગસ્ટે ધરપકડ કરાઈ હતી. CBIએ 15 મે 2017ના રોજ FIR દાખલ કરી હતી. આ કેસમાં કોર્ટે ચિદમ્બરમની કસ્ટડી 24 ઓક્ટોબર સુધી ઈડીને આપી છે.

chidambaram
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Published : Oct 17, 2019, 8:22 PM IST

રાઉઝ એવેન્યુ કોર્ટે INX મીડિયા કૌભાંડની ઘટનામાં ચિદમ્બરમને 24 ઓક્ટોબર સુધી પ્રવર્તન નિર્દેશાલયની કસ્ટડીમાં મોકલવાનો આદેશ કર્યો છે. ઈડીએ ચિદમ્બરમની 15 દિવસની કસ્ટડીની માગ કરી હતી. કોર્ટે ઈડીને ચિદમ્બરમને ઘરનું ભોજન, દવા WC આપવાનો આદેશ કર્યો છે.

સુનાવણી શરૂ થતાં જ ચિદમ્બરમની કસ્ટડી 14 દિવસ વધારવા માગ કરાઈ હતી. CBIએ કહ્યું કે ચિદમ્બરને આ મુદ્દે જામીન નથી મળ્યા. તેમની ન્યાયિક કસ્ટડી આજે પૂર્ણ થઈ રહી છે. ત્યારબાદ કોર્ટે આ ઘટનામાં ચિદમ્બરમની ન્યાયિક કસ્ટડી 24 ઓક્ટોબર સુધી વધારવાનો નિર્ણય કર્યો છે. આ દરમિયાન સરકારી વકીલ તુષાર મહેતાએ કહ્યું કે ચિદમ્બરમે સરેન્ડર કરવાની અરજી દાખલ કરી હતી.

રાઉઝ એવેન્યુ કોર્ટે INX મીડિયા કૌભાંડની ઘટનામાં ચિદમ્બરમને 24 ઓક્ટોબર સુધી પ્રવર્તન નિર્દેશાલયની કસ્ટડીમાં મોકલવાનો આદેશ કર્યો છે. ઈડીએ ચિદમ્બરમની 15 દિવસની કસ્ટડીની માગ કરી હતી. કોર્ટે ઈડીને ચિદમ્બરમને ઘરનું ભોજન, દવા WC આપવાનો આદેશ કર્યો છે.

સુનાવણી શરૂ થતાં જ ચિદમ્બરમની કસ્ટડી 14 દિવસ વધારવા માગ કરાઈ હતી. CBIએ કહ્યું કે ચિદમ્બરને આ મુદ્દે જામીન નથી મળ્યા. તેમની ન્યાયિક કસ્ટડી આજે પૂર્ણ થઈ રહી છે. ત્યારબાદ કોર્ટે આ ઘટનામાં ચિદમ્બરમની ન્યાયિક કસ્ટડી 24 ઓક્ટોબર સુધી વધારવાનો નિર્ણય કર્યો છે. આ દરમિયાન સરકારી વકીલ તુષાર મહેતાએ કહ્યું કે ચિદમ્બરમે સરેન્ડર કરવાની અરજી દાખલ કરી હતી.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में चिदंबरम को 24 अक्टूबर तक की ईडी हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। ईडी ने चिदंबरम की 15 दिनों की हिरासत की मांग की थी। कोर्ट ने ईडी हिरासत में चिदंबरम को घर का खाना, दवाईयां, पश्चिमी टॉयलेट देने का आदेश दिया।


Body:सुनवाई शुरु होते ही सीबीआई ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ाने की मांग की। सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम को इस मामले में जमानत नहीं मिली है और उनकी न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई के मामले में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 24 अक्टूबर तक बढ़ाने का आदेश दिया। ईडी की हिरासत की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम ने पहले सरेंडर करने के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने पाया था कि वो प्री-मैच्योर था। उस समय ईडी को पूछताछ की जरुरत नहीं थी, इसलिए हमने विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हिरासत में पूछताछ की जरुरत बताई है। उन्होंने कहा कि ईडी की हिरासत में मांग करना मेकानिकल नहीं है बल्कि मनी लाउंड्रिंग के मामलों में अपराधों में लिप्त होने की जांच करने के लिए है। ईडी की जांच सीबीआई की जांच से बिल्कुल अलग है। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था चिदंबरम की तत्काल हिरासत जरुरी है। जब उन्होंने सरेंडर किया तो वो कहते हैं कि उनकी जरुरत नहीं थी। जब चिदंबरम न्यायिक हिरासत में थे उस समय हमसे सवाल क्यों नहीं पूछे गए। ईडी की ओर से दो साल पहले ईसीआईआर दर्ज किया गया। वे दो साल तक क्या कर रहे थे। वे पांच सितंबर तक यही कह रहे थे कि उन्हें हिरासत नहीं चाहिए। और अब अचानक 15 दिनों की हिरासत मांग रहे हैं , मैं इसका विरोध करता हूं। सिब्बल ने कहा कि सीबीआई के मामले में चिदंबरम 60 दिनों की हिरासत में रहे, और अब ईडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। ईडी के पास 5 सितंबर के पहले भी साक्ष्य थे जिसके आधार पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हिरासत की मांग की थी। इसका तुषार मेहता ने विरोध किया और कहा कि ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हिरासत में पूछताछ की जरुरत है, ये नहीं कहा था कि हिरासत की तत्काल जरुरत है। ईडी ने 5 सितंबर को कहा था कि उन्हें कुछ गवाहों का परीक्षण करना है तभी उनकी हिरासत की मांग की जा सकती है। इस मामले में अंतिम गवाह से 9 अक्टूबर को पूछताछ की गई और तब 14 अक्टूबर को हिरासत की मांग की गई। तब सिब्बल ने कहा कि हम 15 दिनों की हिरासत की मांग का विरोध करते हैं। सवाल है कि आखिर उन्होंने पहले गवाहों से पूछताछ क्यों नहीं की जब गवाह उपलब्ध था। सुनवाई के दौरान चिदंबरम की ओर से ईडी हिरासत दिए जाने की स्थिति में सीबीआई मुख्यालय की तरह की सुविधाएं देने की मांग की गई । याचिका में चिदंबरम की सुरक्षा के लिहाज से सीबीआई मुख्यालय में ही पूछताछ करने , घर का खाना, पश्चिमी टॉयलेट, दवाईयां, चश्मे और परिवार के सदस्यों से मिलने की इजाजत की मांग की गई। इस अर्जी पर तुषार मेहता ने कहा कि हमें घर का खाना, पश्चिमी टॉयलेट, दवाईयां और परिवार के सदस्यों से मिलने की इजाजत देने में कोई दिक्कत नहीं है। हम एयरकंडीशंड कमरे का विरोध करते हैं।      पिछले 16 अक्टूबर को कोर्ट ने पी चिदरंबरम के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि उसने चिदंबरम से पूछताछ की है और उन्हें गिरफ्तार किया है। उसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो चिदंबरम को 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करें। ईडी की ओर से वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया था कि ईडी के अधिकारियों ने चिदंबरम के बयान भी दर्ज किए हैं। आपको बता दें कि ईडी के तीन अधिकारी आज सुबह तिहाड़ जेल चिदंबरम से पूछताछ के लिए पहुंचे । ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया । लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने बिना कोर्ट के आदेश के चिदंबरम को ले जाने की अनुमति नहीं दी थी। पिछले 15 अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम से पूछताछ के बाद गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी थी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध करते हुए कहा था कि ईडी चिदंबरम की गिरफ्तारी और हिरासत की मांग नहीं कर सकती है। सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जब गिरफ्तार करने के लिए कहा तो ईडी ने उस समय गिरफ्तार नहीं किया। 15 दिन बीतने के बाद हिरासत में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि ईडी भी उसी लेनदेने की बात कर रही है जो सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया था और उस एफआईआर के आधार पर ईडी ने  ईसीआईआर दर्ज किया था। दोनों अलग-अलग नहीं हैं। जब लेनदेन समान है तो भले ही अपराध अलग-अलग हों लेकिन 15 दिन से ज्यादा की रिमांड नहीं बढ़ाई जा सकती है। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जब गलत सवाल से शुरुआत होगी तो दलीलें भी गलत दी जाएंगी। उन्होंने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग स्वतंत्र अपराध है। अगर किसी ने अपराध किया है, उसे छिपाया है या उसे छिपाने की कोशिश की है वो अपराधी है। मेहता ने कहा था कि अगर आप 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं और कोई इसे इस्तेमाल करता है और निवेश करता है तो जांच एजेंसी का काम है कि उसका खुलासा करे। उन्होंने कहा था कि एक जांच एजेंसी की तरह ही दूसरी एजेंसी की जांच नहीं हो सकती है। मेहता ने कहा था कि इस कोर्ट को प्रोडक्शन वारंट के फैसले पर पुनर्विचार का अधिकार नहीं है। तब सिब्बल ने कहा था कि जब न्यायिक हिरासत पहले से है तो ईडी हिरासत की मांग नहीं कर सकती है। याचिका में ईडी ने कहा है कि चिदंबरम से 17 खातों और  विदेशी संपत्तियों की जानकारी लेनी है।   पिछले 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उसके बाद 3 अक्टूबर को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की ।


Conclusion:आपको बता दें कि पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
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