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यूकेडी नेता त्रिवेंद्र पंवार बोले- 'चुनाव चिन्ह नहीं जनता के मुद्दे होते हैं महत्वपूर्ण'

विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) को एक भी सीट हासिल नहीं हुई. उत्तराखंड क्रांति दल का चुनाव चिन्ह कुर्सी भी फ्रीज हो गया. जिसे उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार कोई बड़ी बात नहीं मानते हैं. ईटीवी भारत ने त्रिवेंद्र सिंह पंवार की खास बातचीत.

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Published : Mar 25, 2022, 2:48 PM IST

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UKD नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार

धनौल्टी:उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है. विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) को एक भी सीट हासिल नहीं हुई. उत्तराखंड क्रांति दल का चुनाव चिन्ह कुर्सी भी फ्रीज हो गया. जिसे उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार कोई बड़ी बात नहीं मानते हैं.

उत्तराखंड क्रांति दल के चुनाव चिन्ह कुर्सी फ्रिज होने के सवाल पर यूकेडी नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि चुनाव चिन्ह फ्रिज होना कोई बड़ी बात नहीं है. हमारे लिए चुनाव चिन्ह नहीं उत्तराखंड के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. हम फिर भी जनता के बीच जाकर लोगों का समझाने का प्रयास करेंगे. जिस दिन लोग वास्तविकता को समझ जाएंगे उस दिन लोग यूकेडी का चुनाव चिन्ह ढूढेंगे और उस दिन हम कामयाब होगें. हम फिर से यहां के स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेंगे.

UKD नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार.

वहीं, यूकेडी की चुनाव दर चुनाव घटती लोकप्रियता और गिरती परफॉर्मेंस पर यूकेडी नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि कभी कभी महसूस होता है कि कहीं उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ना गलत तो नहीं था, क्योंकि जिन बातों को लेकर अलग उत्तराखंड राज्य को बनाने का सपना देखा गया था ठीक उनके विपरीत कार्य किया गया. पलायन का मुद्दा हो या फिर लोगों के हक हकूकों का मुद्दा हो, युवाओं के रोजगार का मुद्दा हो या कोई और मुद्दे हो.

त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि 22 सालों में उत्तराखंड को क्या मिला? हमारे जो भी विधायक बने उन्होंने जनता की भावनाओं पर ध्यान नहीं दिया. उनके निजी स्वार्थों से ही आज उत्तराखंड क्रांति दल की ये हालत हुई. राष्ट्रीय दलों की सरकार ने बारी-बारी यहां के लोगों को छलने का काम किया हैं. अब हम आने वाले समय के लिए अभी से जनता के बीच जाकर युवाओं को जोड़ने का प्रयास और लोगों को भी समझाने का प्रयास करेंगे. आज महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है फिर भी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण मे करीब 100 करोड़ खर्च किया गया. जोकि हैरानी की बात है.

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उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर युवाओं को बरगलाने का आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि ये शराब और पैसों के बल पर चुनाव जीतते है. उत्तराखंड बनने से पहले यूकेडी की बातों पर लोग एक जुट होते थे. उत्तराखंड बनने के बाद आज एक बार फिर से उत्तराखंड बचाने को लेकर लोगों को एकजुट होने की आवश्यकता है.

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