टिहरी:कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की तस्वीर बदल कर रख दी है. इस महामारी ने लाखों लोगों की जान ले ली और अब तक करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है. महामारी की वजह से पूरी दुनिया में लॉकडाउन किया गया. जिसकी वजह से कई लोगों का रोजगार, व्यापार ठप हो गया. वहीं, लाखों की संख्या में लोग अपनी बसी-बसायी दुनिया छोड़ घर लौटने को मजबूर हो गए. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की मार से उत्तराखंड भी अछूता नहीं है. लाखों की संख्या में प्रवासी देश-विदेश से काम धंधे छोड़कर अपने परिवार के साथ अपने गांव लौट गए. कुछ ऐसी ही कहानी है टिहरी निवासी महेश नेगी की जो दिल्ली में बॉडी-बिल्डिंग करते थे. लेकिन कोरोना के काल ने इन्हें भी अपने घर लौटने पर मजबूर कर दिया. अब महेश नेगी ने प्रदेश में ही रहने और यहां के युवाओं को तराशने का मन बना लिया है.
लॉकडाउन में दिल्ली छोड़ टिहरी लौटे महेश नेगी
पिछले 20 साल से बॉडी-बिल्डिंग के क्षेत्र में टिहरी और उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले पलास गांव निवासी महेश नेगी (38 वर्षीय) की जिंदगी को कोरोना महामारी ने बदलकर कर रख दिया है. बाॅडी-बिल्डिंग में कई चैंपियनशिप जीतने वाले महेश अब टिहरी में रहकर इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं की प्रतिभा को निखारना चाहते हैं. उनका मानना है कि इस क्षेत्र में करियर बनाने की असीम संभावना है. पहाड़ के युवाओं में भी टैंलेंट है, लेकिन उचित गाइडेंस और मंच न मिलने के कारण उनके सपनों को उड़ान नहीं मिल पाती है.
प्रशासन की मदद से फिटनेस प्रशिक्षण केंद्र खोलने की चाहत
महेश नेगी ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन उन्हें सहयोग करे तो वह उत्तराखंड की प्रतिभाओं को तरासने के लिए तैयार हैं. महेश नेगी दिल्ली में पिछले बीस साल से बॉडी बिल्डिंग कर रहे थे. वह अब तक कई चैंपियनशिप अपने नाम कर चुके हैं. लाॅकडाउन के कारण वह बीते 20 मार्च से अपने पैतृक गांव में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तो उन्हें यहां की आबोहवा भा गई है. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन मदद करें तो टिहरी में ही बॉडी-बिल्डिंग और फिटनेस का प्रशिक्षण केंद्र खोलकर युवाओं को दिशा दे सकते हैं. नेगी ने आहार और पोषण विशेषज्ञ व फिजियो विषय में डिप्लोमा किया हुआ है. उन्होंने कहा कि हर खेल में एक फिजियो की जरूरत होती है. ऐसे में इस क्षेत्र में भी करियर बनाने की असीम संभावना है.