हल्द्वानी:नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण के मामले में समाजिक कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने uttarakhand High Court में जो जनहित याचिका (encroachment case in haldwani) लगाई थी, उस पर सोमवार 11 अप्रैल को भी सुनवाई हुई. रेलवे, राज्य और केंद्र के अलावा प्रभावित लोगों की सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है.
इसके साथ ही खंडपीठ ने पक्षकारों को छूट दी है कि अगर उनको और कुछ कहना है तो वे दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष लिखित में दाखिल करें. सोमवार की सुनवाई में रेलवे ने अतिक्रमण हटाने को लेकर कोर्ट में 30 दिन का प्लान भी पेश किया था. रेलवे ने कोर्ट को ये भी बताया कि उनके अधिकारियों की इस प्लान को लेकर बीते 31 मार्च को नैनीताल जिलाधिकारी के साथ बैठक हुई थी. बैठक में जिला अधिकारी ने उनसे पूरा प्लान मांगा था, जो रेलवे ने आज जिलाधिकारी को देने के साथ ही कोर्ट में भी पेश किया है. रेलवे ने उन्होंने जिला प्रशासन से अतिक्रमण हटाने को लेकर सुरक्षा मांगी थी.
पढ़ें-हल्द्वानी में 4,500 घरों पर चलेगा बुलडोजर, नागालैंड और असम से बुलाई गई फोर्स
वहीं, जनहित याचिका में कुछ प्रभावित लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वे सालों से यहां पर रह रहे है. यह भूमि उनके नाम खाता-खतौनियों में चढ़ी हुई है. रेलवे ने उनको सुनवाई का मौका तक नहीं दिया. पूर्व में रेलवे ने शपथ-पत्र पेश कर कहा था कि जिला प्रसाशन अतिक्रमण को हटाने को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है. इस पत्र के आधार पर कोर्ट ने जिला प्रसासन और रेलवे को निर्देश दिए थे कि दोनों संयुक्त बैठक करें और जिला प्रसाशन व रेलवे बोर्ड अतिक्रमण हटाने को लेकर निर्णय लें.