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Jamrani Dam Project: जमरानी बांध प्रभावितों के विस्थापन की कवायद तेज, तीन श्रेणियों में बसाएंगे

उत्तराखंड में कई बांध परियोजनाओं की कवायद चल रही है. जिससे कई गांव प्रभावित श्रेणी में आ रहे हैं. जमरानी बांध भी उन परियोजनाओं में से एक है, जिसके बनने से कई गांव प्रभावित होंगे. लेकिन जमरानी बांध के परियोजना प्रबंधन ने लोगों को विस्थापित करने की तैयारी तेज कर दी है.

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Published : Jan 24, 2023, 12:41 PM IST

Published : Jan 24, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 2:13 PM IST

Jamrani Dam Project
जमरानी बांध

जमरानी बांध प्रभावितों के विस्थापन की कवायद तेज

हल्द्वानी: जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों का पुनर्वास कराये जाने के लिए सरकार द्वारा लोगों को तराई भाबर में बसाने की कवायद शुरू हो गई है. जिसके तहत धारा 16 के अंतर्गत किच्छा के प्राग फार्म में सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है. जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 1327 परिवारों को विस्थापित किया जाना है. प्राग फार्म की 320 एकड़ जमीन पर जमरानी के डूब क्षेत्र में प्रभावितों का पुनर्वास किया जायेगा. जिसके लिए किच्छा के नूरपुर, पंतपुरा और राजपुर इन तीन गांवों की जमीन को सम्मलित किया है, जहां 75 करोड़ की लागत से मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.

गौर हो कि जमरानी बांध परियोजना में 1327 परिवार विस्थापन की श्रेणी में आ रहे हैं. इनको तीन श्रेणियों में रखा गया है. द्वितीय श्रेणी को विस्थापित करने की कार्रवाई गतिशील है. प्रथम श्रेणी में शामिल 226 परिवारों को एक एकड़ कृषि भूमि और 200 वर्ग मीटर का आवासीय भूखंड दिया जाएगा. इसके अलावा तृतीय श्रेणी के 345 विस्थापितों को पुनर्वास स्थल पर 50 वर्ग मीटर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भवन दिया जाएगा. इसके आलावा स्कूल, पार्क, स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय, 30 फीट तक सड़क आदि सुविधाएं पुनर्वास योजना में प्रस्तावित है.
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जमरानी बांध के परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि अभी प्राग फार्म की जमीन सिंचाई विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाई है. इसकी प्रक्रिया शासन में चल रही है. जमीन ट्रांसफर के बाद ही मास्टर प्लान का कार्य पूरा किया जा सकेगा. जमरानी बांध बनने से भले ही प्रदेश को बिजली, सिंचाई, पेयजल जैसी जटिल समस्याओं से निजात तो मिल जाएगी, लेकिन पहाड़ों पर अपनी कई पीढ़ियों से निवास कर रहे लोगों को अपने आशियाने और खेत खलिहान छोड़ने पड़ेंगे. लोगों में जिसका दर्द साफ देखा जा सकता है.
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महत्वपूर्ण है जमरानी बांध परियोजना: साल 1975 से जमरानी बांध की कवायद चल रही है. जमरानी बांध के निर्माण के लिए 400 एकड़ जमीन की जरूरत है. इसमें वन विभाग की भूमि के अलावा निजी भूमि भी आ रही है. ग्रामीण विस्थापन के लिए सहमति दे चुके हैं. बांध के बनने से बिजली उत्पादन के साथ-साथ इससे खेतों को सिंचाई के लिए पानी भी मिलेगा. जमरानी बांध के निर्माण से उत्तराखंड को करीब 9458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश को 47,607 हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इस बांध से 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी प्रस्तावित है, जबकि उत्तराखंड को 52 क्यूबिक मीटर पानी भी पेयजल के लिए मिल सकेगा. वहीं, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को 57 और 43 के अनुपात में पानी बंटेगा.

Last Updated : Jan 25, 2023, 2:13 PM IST

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