नैनीताल: श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में NIT कैंपस के स्थाई निर्माण के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को 3 माह के भीतर अंतिम निर्णय देने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्थाई कैंपस में अध्ययनरत सभी छात्रों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. जबकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को इन सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए IIT रुड़की के निदेशक की सहायता लेने को भी कहा है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को 30 जून तक जवाब देने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी.
NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से 3 माह में मांगा जवाब
कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन इन 9 सालों के बाद भी NIT श्रीनगर को स्थाई कैंपस नहीं मिला.
साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि जब छात्र स्थाई कैंपस की मांग कर रहे थे. इसी दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई. जबकि, एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसका अभी भी उपचार चल रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस छात्रा के इलाज का खर्चा राज्य सरकार और एनआईटी प्रशासन वहन करे.
वहीं, इस मामले के कोर्ट में पहुंचने के बाद सरकार ने NIT को श्रीनगर से जयपुर शिफ्ट करने का फैसला किया था. जबकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा NIT को उत्तराखंड से जयपुर शिफ्ट करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए कोर्ट को बताया था कि NIT को श्रीनगर के कैंपस को सुमाड़ी में रहने का फैसला किया था.