हल्द्वानी: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार जिला प्रशासन और नगर निगम ने आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण करने जा रहा है. जो कुमाऊं मंडल का सबसे बड़ा गौशाला होगा. जिसमें करीब चार हजार से अधिक गौवंशियों को रखने की व्यवस्था होने जा रही है. जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के जिला प्रशासन और नगर निगम ने हल्द्वानी के हल्दूचौड़ के गंगापुर कबड़वाल गांव में में 67 एकड़ सरकारी भूमि को अधिकरण किया गया है. जिसको हल्द्वानी नगर निगम को ट्रांसफर कर उसमें गौशाला बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
हल्द्वानी में 67 एकड़ में बनने जा रहा गौशाला, चार हजार गौवंशों की होगी देखरेख
Haldwani Gaushala Work हल्द्वानी में आए दिन आवारा मवेशियों के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब जल्द लोगों को आवारा पशुओं के आतंक से निजात मिलने वाली है.क्यों कि जिला प्रशासन और नगर निगम आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनाने जा रहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 12, 2024, 8:44 AM IST
|Updated : Jan 12, 2024, 8:57 AM IST
जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने कहा कि शहर और ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.मैदानी इलाकों में जहां आए दिन आवारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटना,जाम की स्थिति बन रही है.वहीं ग्रामीण इलाकों में आवारा पशुओं से फसलों आदि का नुकसान हो रहा है. इसके निदान के लिए जिला प्रशासन लंबे समय से गौशाला निर्माण के प्रयास कर रहा था.नगर निगम द्वारा अस्थायी गौशाला माध्यम से जानवरों को रखने का काम किया जा रहा है. ऐसे में जरूरत को देखते हुए अब 67 एकड़ में गौशाला तैयार किया जा रहा है. जिसमें करीब 4000 से अधिक गौवंशियों की रखने की क्षमता है.
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उन्होंने नगर निगम को गौशाला के मास्टर प्लान और निर्माण तेजी के निर्देश दिए हैं. मास्टर प्लान के तहत नवनिर्मित गौशाला में जानवरों को रहने के लिए शेड्स, पानी पीने के लिए नांद, ट्यूबवेल टैंक, गौवंश के लिए चारा भूसा रखने के साथ ही पशुओं के उपचार के लिए डिस्पेंसरी आदि की व्यवस्था रहेगी. जिसमें मेल फीमेल पशु अलग-अलग रखे जाएंगे. वर्तमान में गौशाला की बाउंड्री का कार्य तेजी से चल रहा है, दीवारों को आर्कषक बनाने के लिए नगर निगम को गौवंश से जुड़ी चित्रकारी बनाने के भी निर्देश दिए. बताया जा रहा कि गंगापुर कबड़वाल में बनने वाला गौशाला कुमाऊं मंडल का पहला सबसे बड़ा सरकारी गौशाला होगा, जहां करीब चार हजार से अधिक पशुओं की रखने और उनके खाने-पीने और इलाज की व्यवस्था रहेगी.