उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

Same Sex Marriage: उच्च शिक्षण मंच ने किया गोष्ठी का आयोजन, समलैंगिक विवाह के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने का लिया फैसला

वर्तमान में देशभर में समलैंगिक विवाह को लेकर चर्चा बना हुआ है. देवभूमि भी इससे अछूती नहीं है. उत्तराखंड के हरिद्वार में समलैंगिक विवाह को लेकर शिक्षाविद और संत समाज भी चिंतित है. इसी को लेकर हरिद्वार के उच्च शिक्षण मंच द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन निरंजनी अखाड़ा के सभागार में किया गया. गोष्ठी में 'समलैंगिक विवाह आधुनिकता या अभिशाप' विषय पर चिंतन और मनन किया गया.

By

Published : May 4, 2023, 4:32 PM IST

Updated : May 4, 2023, 8:13 PM IST

Same Sex Marriage
समलैंगिक विवाह पर उच्च शिक्षण मंच ने किया हरिद्वार में गोष्ठी का आयोजन

समलैंगिक विवाह के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान

हरिद्वार:अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्री मंहत रविंद्रपुरी ने कहा समलैंगिक विवाह आज पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. आज हमारे द्वारा इस विषय पर मंथन किया गया. हमारे शिक्षण संस्थानों में हजारों की संख्या में बालक और बालिका पढ़ते हैं, इसलिए हमारा फर्ज उन्हें इस तरह की गतिविधियों से बचाना और उनकी रक्षा करना है. आज जितने भी शिक्षण संस्थान है हम सब ने मिलकर फैसला लिया है कि हम समलैंगिक विवाह के प्रति एक जागरूकता अभियान चलाएंगे.

हस्ताक्षर अभियान चलाकर फैलाएंगे जन जागरुकता: सभागार में महाविद्यालय और इंटर कॉलेज के एचओडी ने समलैंगिक विवाह के बारे में अपने-अपने विचार रखे. और साथ ही समलैंगिक विवाह को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए इसका विरोध करने और इसके लिए जन जागरूकता और हस्ताक्षर अभियान चलाकर राष्ट्रपति को भेजने का फैसला किया है. आपको बता दें कि गोष्ठी की अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने की.

यह भी पढ़ें:बैन वाली घोषणा पर दून में बजरंग दल का बड़ा प्रदर्शन, कांग्रेस भवन घेरने की कोशिश, कांग्रेसी भी सड़क पर उतरे

समलैंगिकता को बताया मनोवैज्ञानिक बीमारी: वहीं उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने समलैंगिकता को एक मनोवैज्ञानिक बीमारी बताते हुए विरोध किया है. और कहा कि आज हमारे द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि हम हस्ताक्षर के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को एक ज्ञापन भेजेंगे. जिसमें सभी स्टूडेंट्स के हस्ताक्षर करवाएंगे चाहे जो भी हो हम भारतीय परिवेश में यह विचार किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने बताया की जिन देशों के अंदर यह समलैंगिकता स्वीकार की गई है, वहां नाना प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोग जन्म ले रहे हैं. और आने वाली पीढ़ी भी विकृत मानसिकता की पैदा हो रही है. इसलिए हम देश के फ्यूचर को खराब नहीं होने देंगे. आज हमने इस गोष्ठी का आयोजन किया है और आगे भी इस विषय को लेकर हमारे द्वारा लगातार विचार-विमर्श कर फैसले लिए जाएंगे.

Last Updated : May 4, 2023, 8:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details