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स्टिंग मामला: हरदा ने खुद को बताया बेकसूर, कहा- मेरे ही घर हुई चोरी और मुझे ही बना डाला चोर

2017 में उत्तराखंड के तत्कलीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले का स्टिंग सामने आया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिरी और सरकार गिरने के बाद हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की थी.

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Published : Sep 5, 2019, 5:55 PM IST

हरीश रावत

हरिद्वार:पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी शिवकुमार के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर गिरफ्तारी तलवार लटकी हुई है. स्टिंग मामले में सीबीआई उनके खिलाफ कभी भी एफआईआर दर्ज कर सकती है. इस मामले में हरीश रावत का बयान सामने आया है. हरदा के मुताबिक केंद्र की बीजेपी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.

गुरुवार को हरीश रावत एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने हरिद्वार पहुंचे थे. इस दौरान स्टिंग मामले में फंसे हरीश रावत ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. केंद्र सरकार और सीबीआई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ जो साजिश कर रही है उसका पर्दाफाश किया जाएगा.

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हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ''मेरे ही घर पर चोरी हुई है और चोर के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जा रही है. उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है, जैसे न्यायालय ने पहले हमें न्याय देकर लोकतंत्र की रक्षा की थी. वैसे ही अब भी न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा.'' रावत ने कहा कि वो सीबीआई की जांच में हर तरह का सहयोग करने को तैयार हैं.

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यह था मामला

  • मार्च 2016 में विधानसभा में वित्त विधेयक पर वोटिंग के बाद नौ कांग्रेस विधायकों ने बगावत कर दी थी.
  • जिसके बाद एक निजी न्यूज चैनल ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त का स्टिंग जारी किया गया था.
  • इस स्टिंग के आधार पर तत्कालीन राज्यपाल कृष्णकांत पॉल ने केंद्र सरकार को स्टिंग मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति भेजी थी.
  • केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद-356 का उपयोग करते हुए रावत सरकार को बर्खास्त कर दिया था.
  • हालांकि बाद में हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से हरीश रावत की सरकार बहाल हो गई थी.
  • बाद में कैबिनेट बैठक में स्टिंग प्रकरण की जांच सीबीआई से हटाकर एसआइटी से कराने का निर्णय लिया गया था. लेकिन तत्कालीन बागी विधायक व वर्तमान में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद से मामला सीबीआई के पाले में चला गया था.
  • सीबीआई ने करीब डेढ़ माह बाद अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी.
  • सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि उनकी जांच पूरी हो चुकी है वो हरीश रावत को रिमांड पर लेना चाहते हैं.
  • हाई कोर्ट ने सीबीआई की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली गई है.
  • जिसके बाद यह साफ हो गया है कि रावत पर गिरफ्तारी की गाज कभी भी गिर सकती है.

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