हरिद्वार: शिवरात्रि यानी शिव पार्वती के विवाह का शुभ दिन और इसीलिए शिवरात्रि पर भगवान शिव के भक्त दूर-दूर से हरिद्वार आकर मां गंगा से जल भरकर अपने आराध्य भगवान शिव को चढ़ाने के लिए पैदल कांवड़ यात्रा करते हैं. शास्त्रों में वर्णन है भगवान शिव को जल अति प्रिय है और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. साल में दो बार शिवभक्त पैदल कांवड़ यात्रा लेकर जाते हैं. एक बार सावन में और एक बार महाशिवरात्रि पर. मान्यता है कि शिवरात्रि पर पैदल कांवड़ ले जाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. शिव अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं. आखिर शिवरात्रि पर क्यों लेकर जाते हैं भोले के भक्त कांधे पर कांवड़?
बम-बम भोले के जयकारों से हरिद्वार गुंजायमान है, क्योंकि इस वक्त हरिद्वार में हर तरफ भोले के भक्त ही दिखाई दे रहे हैं. भक्त अपने आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मां गंगा से जल भरकर अपने अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं. आज महाशिवरात्रि का पर्व है. सभी शिव भक्त अपने आराध्य भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करेंगे.
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि शिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्त हरिद्वार हरकी पैड़ी से गंगा जल भरते हैं, क्योंकि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्ति जल के अंदर है. इस जल से जलाभिषेक करने से शिव भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं. कांवड़िया पैदल कांवड़ कंधे पर लेकर जाते हैं. इससे उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है.