हरिद्वारः कुंभनगरी हर की पैड़ी पर 12 अप्रैल को दूसरा शाही स्नान हुआ. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखीं. हालांकि प्रशासन के दावे के मुताबिक पूरी व्यवस्था की गई थी, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और संतों के आगे प्रशासन की व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गईं.
- सोशल डिस्टेंसिंग लागू करवाना मुश्किल
हालात ये रहे कि खुद कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना था कि, 'अगर हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सख्ती बरतते हैं तो भगदड़ जैसी स्थिति हो सकती है. इसलिए हम यहां सोशल डिस्टेंसिंग लागू करवाने में असमर्थ हैं. हम लगातार लोगों से कोरोना के मुताबिक व्यवहार की अपील कर रहे हैं. लेकिन भारी भीड़ की वजह से चालान काटने भी भारी मुश्किल है.'
- घातक हो सकते हैं परिणाम
हरिद्वार कुंभ में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आने वाले समय में इसके परिणाम बेहद घातक साबित हो सकते हैं. क्योंकि जिस तरह से संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित तमाम बड़े लोग इस कुंभ मेले में आए और जाने के 24 घंटे के भीतर ही उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि जब सब कुछ सामने दिखाई दे रहा है तो इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है?
- सैनिटाइजेशन नहीं हुई
हरिद्वार प्रशासन की बात करें तो सिर्फ मच्छर मारने की दवाई को छोड़ दें तो प्रशासन की तरफ से कुंभ के अखाड़ों में किसी तरह की स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है. कहीं कोई सैनिटाइजेशन की कार्रवाई नहीं हो रही है, इसलिए डर इसी बात का लगा हुआ है कि कहीं आने वाले समय में हरिद्वार कुंभ देशभर के लिए बड़ी मुसीबत पैदा न कर दे.
- आईजी कुंभ संजय गुंज्याल का दावा
आईजी कुंभ संजय गुंज्याल की मानें तो हरिद्वार में इस वक्त कम भीड़ आई हुई है. 31 लाख से अधिक जो श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचे हैं, ये वो श्रद्धालु हैं जो उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों के साथ हिमाचल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों से आए हैं. इस बात की पूरी पुष्टि की जा रही है कि सीमा पार कर जो भी श्रद्धालु हरिद्वार में दाखिल हो रहा है वो कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट अपने साथ लेकर आ रहा है और उन्हीं को ही कुंभ क्षेत्र में प्रवेश दिया जा रहा है.
गुंज्याल बताते हैं कि होटल व्यवसायियों से लेकर तमाम कॉटेज के मालिकों को भी यह सख्त निर्देश हैं कि अगर बिना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट देखे किसी यात्री को ठहराया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- जिलाधिकारी सी रविशंकर का दावा
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जो भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, उनके संपर्क में आए सभी लोगों की टेस्टिंग कराई जा रही है. चाहे वह संत क्यों ना हो. साथ ही हरकी पौड़ी पर हमारे द्वारा कोरोना गाइडलाइन के पूरे इंतजाम किए गए. जैसे ही एक अखाड़ा स्नान करके निकल रहा था, वैसे ही सभी घाटों को सैनिटाइज किया जा रहा था. साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा था. साथ ही हरकी पौड़ी क्षेत्र में कई सैनिटाइजर मशीन भी रखी गई है.
- अखाड़ों के संतों की होगी कोरोना जांचः डीएम